Sukhdev Gogamedi Murder: हिसार-मनाली-मंडी-चंडीगढ़ और सिग्नल ऐप, एक चूक शूटर्स को पड़ी भारी
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी मर्डर के बाद करणी सेना ने शूटर्स को पकड़ने के लिए राजस्थान पुलिस 72 घंटे की डेडलाइन दी थी. राजस्थान पुलिस के सामने चुनौती बड़ी थी. इस तरह के विकट हालात में राजस्थान के एडीजी ने दिल्ली पुलिस से संपर्क साधा था. शूटर्स की गिरफ्तारी के लिये पुलिस ने पांच राज्यों में उन हर संभावित ठिकानों पर छापेमारी की थी जहां ये दोनों शूटर छिपे हो सकते थे.
Sukhdev Gogamedi Shooters News: पांच दिसंबर को श्री राजपूत करणी सेना के मुखिया सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद राजस्थान उबल पड़ा. करणी सेना के समर्थकों ने पुलिस को चैलेंज दिया कि 72 घंटे के भीतर गोगामेड़ी के हत्यारों को सलाखों के पीछे करो. राजस्थान पुलिस के सामने चुनौती बड़ी थी. पुलिस ने अपने सारे घोड़े खोल दिए. दिल्ली पुलिस के साथ साथ अलग अलग एजेंसियों से मदद मांगी और 72 घंटे के भीतर दोनों शूटर रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को चंडीगढ़ के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया. लेकिन यहां बताएंगे कि इन 72 घंटों की फरारी में इन दोनों बदमाशों ने किन किन राज्यों में शरण ली. इन सबके बीच राजस्थान पुलिस ने 3 और लोगों को गिरफ्तार किया है.
गोगोमेड़ी केस में कुल 6 आरोपी
गोगामेड़ी हत्यकांड में राजस्थान पुलिस ने कुल 6 आरोपी बनाए हैं. सभी 6 आरोपियों को पुलिस ने सात दिन की रिमांड पर लिया है. इनमें से तीन आरोपियों रौनी राजपूत, राहुल और कुलदीप राठी को राजस्थान पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर गुरुग्राम की भोंडसी जेल से अपने साथ लेकर गयी है. जयपुर क्राइम ब्रांच ने सुखदेव गोगामेड़ी हत्यकांड में तीन ओर आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इन तीनों पर शूटर्स की मदद करने और हत्या की साजिश रचने का आरोप है.
चंडीगढ़ के होटल से पकड़ गए थे शूटर्स
गोगामेड़ी को मारने के तुरंत बाद रोहित राठौड़ और नितिन फौजी हरियाणा के हिसार भाग गए. वहां उन्होंने अपने एक मददगार उधम सिंह से मुलाकात की. उसकी मदद से वो हिमाचल प्रदेश के मनाली गए. जब उन्हें शक हुआ कि मनाली उनके छिपने के लिए सही नहीं है तो वहां से ठिकाना बदला और मंडी आ गए. मंडी के बाद वो चंडीगढ़ के एक होटल कमल में फर्जी आधार कार्ड के जरिए कमरे को बुक किया. कुछ दिन रुकने के बाद वो वहां से गोवा भागने की फिराक में थे. लेकिन उससे पहले ही वो धर लिए गए. पुलिस को पूछताछ में उन्होंने बताया कि वो पासपोर्ट और वीजा के जरिए कनाडा भागने की फिराक में थे. विदेश भागने से पहले वो गोवा या दक्षिण भारत के राज्यों को अपने ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल करते.
राजस्थान पुलिस ने दिल्ली पुलिस से साधा था संपर्क
गोगामेड़ी की हत्या के बाद भारी दबाव का सामना कर रही राजस्थान पुलिस ने दिल्ली पुलिस से संपर्क साधा और बताया कि दोनों शूटर दिल्ली जा सकते हैं. राजस्थान पुलिस ने उस बस के बारे में जानकारी दी जिसमें ये दोनों यात्रा कर रहे थे. लेकिन धारुहेड़ा के आसपास कहीं वो बस से उतर गए थे. बता दें कि हिसार में सीसीटीवी फुटेज के मिलने के पहले तक राजस्थान पुलिस अंधेरे में तीर चला रही थी. लेकिन उस सीसीटीवी फुटेज के मिलने के बाद शूटर को पकड़ने में तेजी आई. जांच में जुटी पुलिस ने हिसार में इनसे जुड़े लोगों पर शिकंजा कसना शुरू किया और उस उधम सिंह का नाम सामने आया.
सोशल मीडिया, सीसीटीवी बने मददगार
इन दोनों शूटरों को पकड़ने के लिए सीसीटीवी फुटेज, फोन रिकॉर्ड्स और सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालने का काम तेजी से शुरू हुआ. हर एक एक मिनट पर गहराई से अध्ययन किया गया और आखिर में जाकर इनकी गिरफ्तारी हुई. इस दौरान पुलिस ने इन शूटर के संभावित ठिकानों और मददगारों के अंदेशे में पांच राज्यों राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश को जांच के दायरे में शामिल किया था. दिल्ली पुलिस के डीसीपी अमित गोयल बताते हैं कि हत्याकांड को अंजाम देने के बाद दोनों शूटर्स डीडवाना भाग गए. वहां से दिल्ली आने के लिए बस में सवार हुए. राजस्थान पुलिस की इस जानकारी के बाद दिल्ली पुलिस ने 24 पुलिसकर्मियों को बस स्टेशन भेजा. राजस्थान से आने वाले ड्राइवरों और कंडक्टरों से जानकारी हासिल की गई. एक बस के ड्राइवर और कंडक्टर ने बताया कि दो संदिग्ध बस में सवार हुए थे. लेकिन वो धारूहेड़ा के पास उतर गए. दोनों शूटर धारूहेड़ा से ट्रेन के जरिए हिसार के लिए निकल गए.