Kolkata Doctor Rape Murder Case Update: कोलकाता के आरजी कार अस्पताल में 8 अगस्त की रात जूनियर डॉक्टर के साथ रेप- मर्डर का मामला अभी तक पूरी तरह सुलझा भी नहीं है लेकिन अब 14 अगस्त को अस्पताल पर हमला करने आई भीड़ का रहस्य ज्यादा गहराता जा रहा है. इस भीड़ में करीब 7 हजार लोग शामिल थे. उन्होंने न केवल शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर हमला किया बल्कि अस्पताल में घुसकर जमकर तोड़फोड़ भी मचाई. वे आखिर ऐसा क्यों कर रहे थे और उनका मकसद क्या था. यह सवाल अब कोलकाता पुलिस के साथ ही सीबीआई के लिए भी रहस्य बनता जा रहा है. 


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आरोपियों को चिह्नित करने में जुटी पुलिस


सूत्रों का कहना है कि 14 अगस्त की रात अस्पताल में हमला करने के लिए भीड़ अपने आप नहीं आई थी बल्कि उन्हें गाड़ियों में भरकर वहां पर लाया गया था. उस भीड़ के लिए अस्पताल के आसपास के इलाकों से लोगों को जुटाया गया था. उनका मकसद हमला कर डॉक्टरों को डराना और उनका प्रदर्शन खत्म करवाना था. हैरत की बात ये है कि इस भीड़ में केवल पुरुष ही नहीं बल्कि कई महिलाएं भी शामिल थी. अब सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हुए वीडियोज के आधार पर कोलकाता पुलिस ऐसे लोगों को चिह्नित कर उन्हें अरेस्ट करने में जुटी है. 


अधिकतर आरोपी स्लम बस्तियों के निवासी


पुलिस सूत्रों के मुताबिक अब तक पुलिस 1 महिला समेत 25 लोगों को अरेस्ट कर चुकी है. जिन लोगों को अरेस्ट किया गया है, वे आसपास की स्लम बस्तियों में रहते हैं और छोटा- मोटा काम करके गुजारा कर रहे हैं. पकड़े गए लोगों में फूड डिलीवरी बॉय, कैब ड्राइवर, छोटे-मोटे दुकानदार और बेरोजगार युवा शामिल हैं. इन सब लोगों की गिरफ्तारी सोशल मीडिया में शेयर हो रहे वीडियोज के आधार पर की गई है. हालांकि स्थानीय लोगों का दावा है कि पुलिस ने इससे भी ज्यादा लोगों को अपनी हिरासत में लिया है लेकिन कागजों में गिरफ्तारी कम लोगों की दिखाई गई है.  


आरोपियों के परिजन घटना से हैरान


पकड़े गए लोगों में कोलकाता में सिंथी, चितपुर, कोसीपुर, सौदागरपट्टी, सरकार बागान, बेलगछिया, पाइकपारा की झुग्गियों के रहने वाले हैं. अस्पताल में तोड़फोड़ का मामला सामने आने के बाद आरोपियों के परिवार और आसपड़ोस के लोग भी हैरान हैं. टीवी में आरोपियों की तस्वीरें देखने के बाद पड़ोस के लोग खुद पुलिस को फोन करके उनकी जानकारी दे रहे हैं. वहीं परिवार वाले इस घटना के बाद से सकते की हालत में हैं. उनमें से अधिकतर का कहना है कि बेटे कैंडल मार्च में शामिल होने की बात कहकर घर से निकला था. वहीं कुछ का कहना है कि उनके बच्चों को इस भीड़ में शामिल होने के लिए बाकायदा बुलाकर ले जाया गया था.


क्या राजनीतिक साजिश के तहत हुआ हमला?


कई लोग इस हमले के पीछे राजनीतिक एंगल का इशारा कर रहे हैं. उनका कहना है कि पकड़े गए कई आरोपी टीएमसी के समर्थक थे और डॉक्टरों का प्रदर्शन बंद करवाने के लिए यह हमला किया गया था. हालांकि पुलिस या प्रशासन ने इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी है. ऐसे में किसी भी थ्योरी या दावे के बारे में पुष्टि करना मुश्किल है. लेकिन इतना तय है कि वह भीड़ अपने आप वहां नहीं पहुंची थी बल्कि उसे सोचे- समझे तरीके से इकट्ठा कर वहां ले जाया गया था और फिर डॉक्टरों और अस्पताल पर हमला कर दिया गया.


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