Mukhtar Ansari News: योगी सरकार में कैसे क्लोज हुआ मुख्तार अंसारी का 'चैप्टर'? मेडिकल रिपोर्ट में सामने आया सच
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Mukhtar Ansari News: योगी सरकार में कैसे क्लोज हुआ मुख्तार अंसारी का 'चैप्टर'? मेडिकल रिपोर्ट में सामने आया सच

Mukhtar Ansari Death Reason: यूपी में इस साल 28 अप्रैल को कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी का चैप्टर हमेशा के लिए क्लोज हो गया था. आखिर उसकी मौत कैसे हुए, इसका खुलासा अब मेडिकल रिपोर्ट में हो गया है.

 

Mukhtar Ansari News: योगी सरकार में कैसे क्लोज हुआ मुख्तार अंसारी का 'चैप्टर'? मेडिकल रिपोर्ट में सामने आया सच

How did Mukhtar Ansari Die: 28 अप्रैल.. ये वो तारीख है, जब अपराध की दुनिया का एक चैप्टर खत्म हो गया था, पूर्वांचल में खौफ का दूसरा नाम रहा मुख्तार अंसारी मौत की नींद सो गया था. एक तरफ उसकी दहशत खत्म होने से लोग चैन की नींद सो रहे थे तो दूसरी तरफ माफिया की मौत का मातम मनाते हुए कुछ लोगों ने इसे प्लान मर्डर बताया. मगर मुख्तार अंसारी की मौत के 172 दिन बाद इन आरोपों से परदा उठ गया है.

कैसे हुई मुख्तार अंसारी की मौत?

माफिया की मौत की मजिस्ट्रियल जांच में सामने आया है कि माफिया को जहर देने की पुष्टि नहीं हुई है. मुख्तार की मौत की वजह हार्ट अटैक से हुई थी. जेल अधिकारी, डॉक्टर समेत 100 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए गए. CCTV फुटेज, बैरेक जांच, फूड रिपोर्ट का भी अध्ययन किया गया. 

माफिया ने लगाए थे जहर देने के आरोप

माफिया मुख्तार अंसारी का परिवार प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहा था, मुख्तार का परिवार का सियासी संबंध समाजवादी पार्टी से भी है लिहाजा इंडिया गठबंधन के धर्म का पालन करते हुए कांग्रेस ने जांच पर ही सवाल खड़े कर दिए.. वहीं बीजेपी जांच को निष्पक्ष बता रही है. 

मुख्तार को जनसेवक बता चुके हैं अखिलेश

अखिलेश यादव खुद मुख्तार अंसारी को जनसेवक बता चुके हैं. उनके घर जाकर संवेदना व्यक्त कर चुके हैं, इस मुद्दे को उछालकर सीएम योगी अखिलेश को कई बार घेर चुके हैं. लेकिन आरोपों को किनारे रखकर एसपी ने माफिया मुख्तार को अपने एजेंडे में प्रमुख जगह दी है, क्योंकि सवाल अखिलेश के पीडीए समीकरण के A फैक्टर का है और इसका फायदा उन्हें लोकसभा चुनाव में एकमुश्त मुस्लिम वोट के रूप में मिला भी. 

क्या खत्म हो जाएगा माफिया की मौत पर विवाद?

माफिया मुख्तार भले ही मौत की नींद सो गया हो, मौत की जांच रिपोर्ट भी सामने आ गई हो लेकिन माफिया की मौत का मामला फिलहाल शांत होने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं

(विशाल रघुवंशी की रिपोर्ट)

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