Missing Son Story: आपने ठगी के कई मामले देखे होंगे लेकिन क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि एक शख्स एक साथ 9 परिवारों को ठग सकता है वह भी उनका खुद का बेटा बनकर. यूपी में गाजियाबाद पुलिस ने एक ऐसे ही शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने खुद को लापता बेटा बताकर नौ परिवारों को ठगने का खुलासा किया है. आरोपी इंद्रराज रावत ने राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड के परिवारों को निशाना बनाया. पुलिस के अनुसार, आरोपी ने 30 साल पहले अपहरण होने की झूठी कहानी गढ़ी और इसे भावनात्मक ढंग से प्रस्तुत कर कई परिवारों का भरोसा जीता.


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कैसे खुला फर्जीवाड़े का भंडाफोड़
असल में घटना तब सामने आई जब गाजियाबाद के तुलाराम ने आरोपी को अपने खोए हुए बेटे के रूप में पहचाना. तुलाराम ने कुछ दिनों तक उसे अपने घर में रखा, लेकिन जल्दी ही उसके व्यवहार पर शक होने लगा. उन्होंने पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद गहन पूछताछ में आरोपी की असली पहचान सामने आई. इंद्रराज ने स्वीकार किया कि वह राजस्थान का रहने वाला है और लंबे समय से ऐसे फर्जीवाड़े में लिप्त है.


झूठी कहानियों से जीता भरोसा
पुलिस की जांच में सामने आया कि इंद्रराज ने अपनी पहचान बदल-बदलकर परिवारों को ठगा. वह कहीं पंकज बनता तो कहीं राम प्रताप बन जाता था, उसने बताया कि वह जैसलमेर में बंधक बनाए जाने और दिल्ली भाग आने की झूठी कहानी सुनाता था. इसके बाद, वह उन परिवारों को ढूंढता था जिनका बेटा कई वर्षों से लापता होता. भावनात्मक कहानी और समान उम्र के कारण कई परिवार उसे अपना खोया हुआ बेटा मान लेते.


देहरादून से लेकर दिल्ली तक फर्जीवाड़ा
इंद्रराज ने केवल गाजियाबाद ही नहीं, बल्कि देहरादून राजस्थान और दिल्ली में भी कई परिवारों के साथ यह फर्जीवाड़ा किया. उसने देहरादून में एक महिला आशा शर्मा का बेटा बनकर उनके घर महीनों तक रहा. वह अलग-अलग नाम जैसे पंकज कुमार और राम प्रताप का इस्तेमाल करता था.


पुलिस ने शुरू की जांच
गाजियाबाद पुलिस ने अब तक चार परिवारों की पहचान कर ली है जिन्हें इंद्रराज ने ठगा था. अन्य पांच परिवारों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है. डीसीपी निमिश पाटिल ने कहा कि इस मामले में इंद्रराज की कहानी और उसके अपराधों की पूरी पड़ताल की जा रही है. पुलिस इसे एक संगठित ठगी का मामला मान रही है. एजेंसी इनपुट Photo: AI