`20 साल से फरार...,` आरोपी बेच रहा था छोले-भटूरे, आम वाला बनकर पुलिस ने धर दबोचा
Crime News : पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है, पुलिस ने 20 साल से फरार आरोपी को पकड़ लिया है. बताया जा रहा है, कि आरोपी ने 20 साल पहले एक व्यापारी की हत्या कर दी थी और पहचान बदलकर अब यूपी के मैनपुरी में छोले भटूरे बेच रहा था.
Crime : 41 साल का एक व्यक्ति जो 20 साल पहले दिल्ली के एक अनाज व्यापारी के अपहरण और हत्या में शामिल था. उसे अब मंगलवार ( 21 मई ) को दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी एक सिपाही है और वह अपनी पहचान बदल कर यूपी के मैनपुरी में छोले भटूरे का ठेला लगाता था. पुलिस ने आरोपी को वहीं से गिरफ्तार किया है.
चाकू से की हत्या
बता दें, कि इस घटना में एक पुलिसकर्मी शामिल था, जिसने अपनी तैनाती के दौरान दिल्ली के एक व्यापारी को प्रताड़ित किया और चाकू मार उसकी हत्या कर दी थी. यह घटना 31 अक्टूबर 2004 की है. 2004 में करवा चौथ के दिन, शकरपुर निवासी रमेश चंद गुप्ता किसी काम के लिए अपनी कार में घर से निकले, लेकिन वापस नहीं लौटे. घटना के दिन करवा चौथ था.
फिरौती के लिए किया अपहरण
मुख्य आरोपी ने अपने चार साथियों के साथ मिलकर फिरौती के लिए अनाज व्यापारी रमेश गुप्ता का अपहरण किया था. हालांकि, आरोपी फिरौती के लिए फोन नहीं कर सका और उसके बाद उसकी हत्या कर दी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह एक दर्दनाक हत्या थी क्योंकि व्यापारी रमेश गुप्ता को तब तक चाकू मारा गया जब तक वह मर नहीं गया.
परिजन परेशान दर्ज कराई FIR
डीसीपी ने बताया, उनके परिवार के सदस्यों ने उनके मोबाइल फोन पर कई बार कॉल की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. उनके भाई जगदीश कुमार ने शालीमार बाग पुलिस स्टेशन में अपहरण की शिकायत भी दर्ज कराई. साथ ही भाई जगदीश को जिन पर शक था उनके बारे में भी बताया जगदीश ने स्थानीय फल और सब्जी व्यापारी मुकेश वत्स का नाम लिया, जो गुप्ता के लापता होने के पीछे हो सकते थे.
इस बीच, एक टीम ने मुकेश वत्स को गिरफ्तार कर लिया, जिसने अपराध में शामिल होने की बात कबूल कर ली. वत्स ने पुलिस को बताया कि उसने अपने साथियों सिपाही लाल, शरीफ खान, कमलेश और राजेश के साथ मिलकर फिरौती के लिए रमेश गुप्ता का अपहरण किया था. वत्स आजादपुर मंडी में सब्जी व्यापारी थे.
हत्या कर शरीर को नाले में फेंका
पुलिस अधिकारी ने बताया, कि करवा चौथ के दिन, उसने गुप्ता को मिलने के लिए बुलाया और कराला गांव के एक कमरे में ले गया. कमरे में उन सभी ने उसके चेहरे पर रंग छिड़क कर उसे प्रताड़ित किया. जब गुप्ता बेहोश हो गए, तो उन्होंने उस पर कई बार चाकू से वार किया. उसके मरने के बाद उन्होंने उसके शरीर को एक बोरे में पैक किया और कराला गांव के एक नाले में फेंक दिया. पुलिस ने बताया, कि मुकेश, शरीफ खान और कमलेश को कराला गांव से गिरफ्तार किया गया.
जांच के बाद, मुकेश वत्स, शरीफ खान और कमलेश के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया और शहर की अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सिपाही लाल की किस्मत तब चमक गई जब एक पुलिसकर्मी को उसके बदले हुए नाम के साथ यूपी में सक्रिय होने की सूचना मिली.
आम-वाला बनकर धर दबोचा
अधिकारी ने बताया, हमारी टीमें आरोपी का पता लगाने के लिए काम कर रही थीं और हमारे एक पुलिसकर्मी, एएसआई सोनू नैन को गुप्त सूचना मिली कि आरोपी सिपाही लाल मैनपुरी में कहीं छिपा हुआ है. पुलिस को पता चला कि सिपाही लाल मैनपुरी के रामलीला ग्राउंड में छोले-भटूरे बेच रहा है और अड्डा जमाया हुआ है. उसकी गतिविधियों का पता लगाने के लिए, एएसआई नैन ने भी उसी क्षेत्र में आम बेचना शुरू कर दिया और दो दिनों के बाद उसे पकड़ लिया गया.