Rape in Live-in relationship: लिव इन रिलेशन में रहना कुछ लोगों को बहुत अच्छा लगता है, वो इसके फायदे गिनाते नहीं थकते. लेकिन जिनके लिए इसका एक्सपीरिएंस खराब होता है, उनके लिए ये जी का जंजाल बन जाता है. ना मानिए तो खुद इसके साइड इफेक्ट का ताजी मिसाल देख लीजिए. कैसे लिव-इन में रहने वाले मेल पार्टनर को पुलिस ने हड़काया और उसे जेल भेज दिया तो उसको नानी याद आ गई. बाद में अदालत से राहत मिलने के लिए उसने कोर्ट में जो सबूत पेश किया उसे देखकर लोगों के होश उड़ गए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मामला महाराष्ट्र के मुंबई का है. जहां दो वयस्कों के बीच सहमति से बना रिश्ता इतना खराब हो गया कि थाने और कचहरी तक पहुंच गया. पुलिस का रवैया युवक को ठीक नहीं लगा. ऐसे में राहत के लिए लिव इन टाइप रिश्ते में रह रह चुके मेल पार्टनर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जिसके बाद सत्र न्यायालय ने 30 साल की पूर्व लिव-इन के साथ बलात्कार के आरोपी को जमानत दे दी.


बनाया था एमओयू


इस जोड़े ने साथ रहने के लिए एक करार किया था. MoU यानी मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिग लिखित में होने की वजह से उसे राहत मिल गई वरना इस कथित नाकाम प्रेम कहानी में उसे लेने के देने पड़ गए थे. MoU में सारी शर्तें साफ-साफ लिखी थीं. आरोपी ने कोर्ट के सामने एक एमओयू पेश किया, जिससे पता चला कि महिला और उसने अगस्त 2024 से जून 2025 तक 11 महीने के लिए लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का फैसला किया था. जज साहब ने कहा कि इस मामले की प्रामाणिकता का पता लगाने के लिए वो दस्तावेज काफी था. 


हालांकि पार्टनर पर रेप चार्ज लगाने वाली लड़की ने उस एमओयू पर अपने साइन होने से इनकार कर दिया. उसने कहा, रिकॉर्ड पर रखा गया एमओयू का दस्तावेज नोटरी की मोहर के साथ केवल एक ज़ेरॉक्स कॉपी है. इसके बाज जज शनाया वी पाटिल ने कहा, इसके बावजूद ये दस्तावेज किसी रिश्ते की प्रकृति के बारे में अभियुक्त के बचाव का हिस्सा है.


ये भी पढ़ें- वो कैसे जिंदा रहेगा? 12000 महीना सैलरी और बच्चे के लिए 10000, जज की टिप्पणी दिल को छू गई 


मामले में फिर क्या हुआ


लड़की ने तर्क दिया तो जज ने माना कि आरोपों को देखते हुए, आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की आवश्यकता है. लेकिन शिकायतकर्ता (महिला) ने अश्लील वीडियो जैसी बातें होने से इनकार किया है. आरोपी को जांच में सहयोग करने के लिए कहा जा सकता है. लेकिन अपराध की प्रकृति और अन्य बातों को मद्देनजर रखते हुए आवेदक को गिरफ्तारी से बचाया जाना जरूरी है. 


क्या था पूरा मामला?


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेप का चार्ज लगाने वाली युवती तलाकशुदा महिला है. उसने पुलिस को बताया कि वह 6 अक्टूबर, 2023 को आरोपी के संपर्क में आई थी. दोनों एक-दूसरे से परिचित हो गए. आरोपी ने शादी का प्रस्ताव रखा. महिला ने कहा कि शुरू में उसने उसके साथ किसी भी तरह का शारीरिक संबंध बनाने से इनकार कर दिया, हालांकि, शादी करने के वादे पर उसने संबंध बनाने की सहमति दे दी लेकिन वो वादे से मुकर गया.


महिला ने आरोप लगाया कि उसे बाद में पता चला कि आरोपी एक अन्य महिला के साथ भी रिलेशनशिप में था. इसके बावजूद, उसने उसके साथ रेप किया. महिला ने ये आरोप भी लगाया कि वो प्रेगनेंट हो गई, जब शादी के लिए कहा तो आरोपी ने उसे गर्भपात की गोलियां देकर प्रताड़ित किया.