कॉन्सटेबल की बेटी ने किया कमाल, महज 23 की उम्र में होंगी फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में भारतीय वायुसेना में शामिल
Akriti Sharma Success Story: आकृति ने अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने माता-पिता, दोस्तों और नेशनल क्रेडिट कॉर्प्स को दिया है.
Akriti Sharma Success Story: जम्मू और कश्मीर की रहने वाली महज 23 साल की आकृति शर्मा ने एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट (AFCAT) क्रैक कर डाला है, जिसके बाद वह अब अगले महीने एक फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में भारतीय वायु सेना में शामिल होने के लिए तैयार हैं. बता दें कि आकृति शर्मा के पिता बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स में हेड कांस्टेब और आकृति ने अपने पिता से ही प्ररित होकर इस दिशा में कदम बढ़ाया था. आकृति ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और नेशनल क्रेडिट कॉर्प्स (NCC) को दिया है.
आकृति कहती हैं कि "जल्द ही, मैं एक अंडर-ट्रेनी फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में IAF हैदराबाद अकादमी में शामिल होने जा रहा हूं. मेरी ट्रेनिंग के सफल समापन के बाद, मुझे IAF में एक फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया जाएगा, जो मेरे सपनों को पंख देगा." आकृति ने अपनी स्कूली शिक्षा केंद्रीय विद्यालय से प्राप्त की है, जबकि अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री उधमपुर के सरकारी महिला कॉलेज से हासिल की है.
आकृति ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "कॉलेज में रहते हुए, मैं एनसीसी का हिस्सा बनी और कई शिविरों में भाग लिया, जिसने मेरे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और AFCAT को पास करने में मेरी मदद की." शर्मा ने कहा कि एनसीसी के हिस्से के तौर पर उन्होंने गणतंत्र दिवस परेड में भी हिस्सा लिया और युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत वियतनाम में देश का प्रतिनिधित्व भी किया है.
उन्होंने आगे कहा कि, "सारा श्रेय मेरे माता-पिता और दोस्तों को जाता है. मेरे माता-पिता हमेशा मेरे साथ खड़े रहे और मुझे हर संभव सहायता प्रदान की. मेरे पिता बीएसएफ में हैं और वर्तमान में असम में सेवारत हैं, जिन्होंने मुझे हमेशा एक लक्ष्य निर्धारित करने और उसे प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया." शर्मा ने कहा कि उन्होंने नौसेना सेवा चयन बोर्ड (Navy Service Selection Board) के इंटरव्यू को भी पास कर लिया था, लेकिन उन्होंने भारतीय वायुसेना में शामिल होने का ही फैसला किया है.
इस बात पर रोशनी डालते हुए आकृति ने कहा कि उधमपुर में कई स्थान अविकसित हैं और बच्चों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिलती हैं, लेकिन युवाओं को बाहर आने और बिना पीछे देखे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करने की आवश्यकता है. आकृति शर्मा की मां नीरू शर्मा ने कहा कि वह हमेशा फोर्स में शामिल होने और अपने पिता के नक्शेकदम पर चलने में रुचि रखती थीं.
उन्होंने कहा, "हमने हमेशा उसका समर्थन किया और मुझे खुशी है कि उसने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है." वह युवाओं, खासकर लड़कियों के लिए एक सच्ची प्रेरणा हैं.
गांव के स्थानीय सरपंच पृथपाल सिंह ने कहा कि उनका चयन न केवल गांव के लिए बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर के लिए गर्व का क्षण है. उन्होंने कहा, "आकृति ने एक ऐसे गांव में परीक्षा की तैयारी की, जहां हम लगातार बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं. वह युवा पीढ़ी के लिए एक सच्ची प्रेरणा हैं."