Bombay HC Big Decision! स्कूल में स्टूडेंट को Punishment देना अपराध नहीं, जानें पूरा मामला
Bombay High Court Ka Faisala: बॉम्बे हाई कोर्ट ने गोवा चिल्ड्रन कोर्ट के फैसले को पलटते हुए अहम फैसला सुनाया है. अदालत का कहना है कि स्कूल में डिसिप्लिन बनाए रखने के लिए स्टूडेंट्स को डांटना या उचित सजा देना अपराध नहीं होगा.
Bombay HC Big Decision: अगर आपको स्कूल टीचर के द्वारा बच्चों को लगाई गई डांट या मार से शिकायत है तो यह खबर आपको जरूरी पढ़ना चाहिए. अब टीचर्स द्वारा बच्चों को पढ़ाई न करने या अनुशासनहीनता करने पर सजा देने से पेरेंट्स टीचर को गलत नहीं ठहरा सकेंगे. ऐसा हमारा नहीं हाई कोर्ट का कहना है. दरअसल, बॉम्बे हाई कोर्ट की गोवा बेंच ने दो स्कूली बच्चों को कथित तौर पर डंडे से पीटने के मामले में एक प्रायमरी स्कूल टीचर को एक दिन के कारावास की सजा और 1 लाख रुपये जुर्माने के गोवा चिल्ड्रन कोर्ट के फैसले को पलटते हुए यह फैसला सुनाया है. आइए बताते हैं पूरा मामला आखिर है क्या
हाई कोर्ट की एकल न्यायाधीश जस्टिस भरत देशपांडे की पीठ ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा, "प्राथमिक विद्यालय में यह घटना काफी सामान्य है. छात्रों को अनुशासित करने और उनमें अच्छी आदतों को विकसित करने के लिए, शिक्षक तदनुसार कार्य करने और कभी-कभी थोड़ा कठोर होने के लिए बाध्य होता है."
जस्टिस ने बताया स्कूली शिक्षा का उद्देश्य
जस्टिस भरत देशपांडे ने फैसला सुनाते हुए कहा, "बच्चों को न केवल अकादमिक शिक्षण के उद्देश्य से, बल्कि वे जीवन के अन्य पहलु जिसमें अनुशासन भी शामिल है, सीख सके इसके लिए स्कूल भेजा जाता है." उन्होंने कहा कि "स्कूल का उद्देश्य केवल अकादमिक शिक्षण देना ही नहीं है, बल्कि छात्र को जीवन के सभी पहलुओं के लिए तैयार करना भी है, ताकि भविष्य में वह अच्छे व्यवहार और प्रकृति का व्यक्ति बने."
ये है पूरा मामला
दरअसल, साल 2014 में शिक्षक पर आरोप था कि उसने दो छात्राओं, जो कि बहनें भी थी, जिसमें एक की उम्र 5 साल और दूसरी की उम्र 8 साल थी, दोनों को पीटा था, क्योंकि छोटी बहन अपनी बॉटल का पानी खत्म करके दूसरे छात्र की बॉटल से पानी पी रही थी. जब उसकी बड़ी बहन दूसरी कक्षा से उसे देखने के लिए आई, तो उसने कथित तौर पर शिक्षक को छड़ी से उसे पीटते लगाते देखा था. छात्राओं के पेरेंट्स की शिकायत के बाद शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जिसपर गोवा चिल्ड्रन कोर्ट ने टीचर को सजा सुनाई थी.
शिक्षक हमारी शिक्षा प्रणाली की रीढ़: HC
हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया कि कभी-कभी, अगर छात्र निर्देशों को समझने में सक्षम नहीं होते हैं और बार-बार ऐसी गलतियां कर रहे हैं, तो अपनी कक्षा में अनुशासन बनाए रखने के लिए शिक्षक को उचित बल का प्रयोग करना पड़ता है. पीठ ने यह भी कहा कि समाज में शिक्षकों को सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है, वो शिक्षा प्रणाली की रीढ़ हैं.