नई दिल्ली: शिक्षा क्षेत्र के स्टार्टअप बायजू ने एक अरब अमेरिकी डॉलर (7,300 करोड़ रुपये) में आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (एईएसएल) का अधिग्रहण किया है, ताकि वह देश में परीक्षा तैयारी खंड में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर सके. सूत्रों के अनुसार यह सौदा बायजू का सबसे बड़ा सौदा है और इसे दुनिया में शिक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सबसे बड़ा सौदा माना जा रहा है. 


7300 करोड़ का सौदा


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक अरब अमरीकी डालर (लगभग 7,300 करोड़ रुपये) के इस सौदे के तहत आकाश के संस्थापक और ब्लैकस्टोन समूह, बायजू में अल्पांश शेयरधारक बन जाएंगे. बायजू देश का सबसे मूल्यवान शिक्षा-प्रौद्योगिकी स्टार्टअप है, जिसका अनुमानित मूल्य 13 अरब डॉलर आंका गया है. एईएसएल के प्रबंध निदेशक आकाश चौधरी ने बताया कि इस सौदे का कुछ हिस्सा नकद के रूप में और कुछ इक्विटी के रूप में है. 


6-7 महीने पहले शुरू की थी बातचीत


आकाश चौधरी ने कहा, 'यह करीब 60-65 प्रतिशत नकद में और शेष इक्विटी में है... सौदे की कुल राशि करीब एक अरब डॉलर है.' एईएसए और बायजू ने इस सौदे के लिए करीब 6-7 महीने पहले बातचीत शुरू की थी. चौधरी ने कहा, 'यह भारत में शिक्षा के क्षेत्र में और विशेष रूप से स्टार्टअप क्षेत्र में सबसे बड़ा एकीकरण है. कोविड-19 ने ऑनलाइन शिक्षा के लिए रास्ते तैयार कर दिए हैं और हमारा मानना है कि इसमें परीक्षा की तैयारी के साथ ही उच्च शिक्षा भी शामिल है.'


ये भी पढ़ें: अगले 15 सालों तक सत्ता में बने रहेंगे Vladimir Putin? संविधान में किया ये बड़ा फेरबदल


आगे भी निवेश करेगा बायजू


उन्होंने कहा कि एकीकरण के बाद आकाश की वृद्धि को तेज करने के लिए बायजू आगे और निवेश करेगा. वहीं बायजू आज देश में शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र का सबसे कीमती स्टार्टअप है. इसे मैरी मीकर, यूरी मिल्नेर, चान- जुकरबर्ग इनशियेटिव, टेनसेंट, सेक्यूइया कैपिटल, टाइगर ग्लोबल और अन्य का समर्थन प्राप्त है. बायजू ने समझा जाता है कि अब तक दो अरब डालर राशि जुटाई है. सूत्रों का कहना है कि बायजू अतिरिक्त 60 से 70 करोड़ डालर जुटाने की भी तैयारी में है ताकि वह आगे और विस्तार कर सके.