Good Habits For Kids: संतान में बचपन में डाले गए संस्कार और शिष्टाचार उसकी अपनी लाइफ को ही नहीं, बल्कि पूरे समाज की दिशा और दशा निर्धारित करते हैं. बच्चों में संस्कार और शिष्टाचार होने के लिए जरूरी है उनकी अच्छी परवरिश करना. बचपन में मिली अच्छी शिक्षा और संस्कार किसी व्यक्ति का ताउम्र साथ निभाते हैं, इसलिए किसी भी पेरेंट के लिए बच्चों की सही परवरिश करना बहुत जरूरी होता है. यहां जानें कि पेरेंट्स अपने बच्चों को 4 साल की उम्र के बाद कौन सी महत्वपूर्ण बाते सिखा सकते हैं...


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बच्चे को प्लीज, थैंक यू और सॉरी कहना सिखाएं 
बच्चों में ये आदत डालना बहुत ही जरूरी है. छोटी उम्र से ही बच्चों को ‘प्लीज’ और ‘थैंक यू’ की इम्पोर्टेंस बताएं. उन्हें प्यार से समझाएं कि जब हम किसी से कुछ पूछते या रिक्वेस्ट करते हैं, तो उस समय प्लीज कहें. किसी की मदद लेने पर या कोई चीज लेते समय थैंक यू कहें और अगर उनसे कोई गलती हुई है तो उसे मानते हुए सामने वाले से सॉरी कहें. 


किसी की कोई चीज यूज करने से पहले पूछना
बच्चे को बताएं ये कि वो हमेशा किसी से कोई भी चीज छूने से पहले उससे पूछें. किसी और का सामान वो बिना पूछे और बिना परमिशन के यूज नहीं कर सकता. फिर चाहे वह सामान किसी का भी क्यों न हो. 


दरवाजा नॉक करने की आदत डालें
बच्चों को निजता की अहमियत सिखाना जरूरी है. खासतौर पर किसी के कमरे में जाने से पहले गेट नॉक करके अंदर आने की परमिशन लेना जरूरी है. अगर बच्चे का कमरा अलग है तो आप खुद भी उसके कमरे में खटखटाकर ही जाएं. उससे कहें कि ऐसे ही दूसरों के कमरे में या घर में अंदर जाने से पहले गेट नॉक करके ही अंदर जाना चाहिए. 


बात करने का सिखाएं तरीका
बच्चे के सामने चिल्लाना, गुस्सा करना और शोर मचाकर किसी से बात करना सही नहीं है. बच्चा जितना भी नाराज हो या किसी बात पर गुस्सा कर रहा हो उसे प्यार से बात करना और अपनी बात आराम से रखना सिखाएं.


किसी की बात पहले पूरी होने दें
बच्चे को यह भी सिखाना बहुत जरूरी है कि जब कोई दूसरा व्यक्ति बात कर रहा हो तो उसकी बात कंप्लीट होने तक का इंतजार करना चाहिए. उसके बाद ही अपनी बात रखें. उसे गुड लिसनर बनने के फायदों के बारे में जरूर बताएं. 


लोगों का मजाक उड़ाना अच्छी बात नहीं
किसी को देखकर मज़ाक उड़ाने की बचपन की आदत को उसी समय बदलने की कोशिश करें. अच्छा हो या बुरी कोई भी आदत बच्चे अपने घर के बड़ों को देखकर ही सीखते हैं. ऐसे में उनके सामने किसी का मजाक न बनाएं. 


सफाई से रहना सिखाएं.
खांसी या छींक आने पर बच्चे को रुमाल से अपना मुंह ढकना सिखाएं. बच्चे की जेब में एक रुमाल रखें या उनके कपड़ों पर रुमाल को पिनअप कर दें.