knowledge Story: ज्यादा पानी पीने की वजह से हो सकती है दिमाग में सूजन, जानें क्या है वॉटर पॉइजनिंग
Water Poisoning: बहुत ही ज्यादा गर्म जगह में रहने वाले लोगों को दिनभर में ज्यादा से ज्यादा 2 लीटर पानी की जरूरत होती है. ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस की एडवाइजरी के मुताबिक आपके लिए रोजाना मिल्क, सॉफ्ट ड्रिंक और चाय-कॉफी समेत 6-8 ग्लास पानी पर्याप्त है.
Water Poisoning: हाइपोनाट्रेमिया एक ऐसी कंडीशन होती है, जिसमें खून में सोडियम की मात्रा जरूरत से ज्यादा कम हो जाती है. ऐसा उस कंडीशन में होता है जब शरीर में पानी की जरूरत से ज्यादा होने जाने की वजह से सोडियम उसमें घुलता है. इसके कारण दिमाग की सेल्स यानी कोशिकाओं में सूजन आ जाती है. इस सूजन को सेरिब्रल ओएडेमा कहते हैं. हम हमेशा से यही सुनते आ रहे है कि कम पानी पीने के कारण हमारी सेहत को कई तरह के नुकसान होते हैं, लेकिन ज्यादा पानी पीने से भी हेल्थ को इसका खामियाजा भुगताना पड़ता है.
पानी पीने से फायदे
डाइजेशन सिस्टम सही रहता है.
बॉडी टेम्प्रेचर नॉर्मल रहता है.
मांसपेशियां मजबूत होती हैं.
कब्ज से राहत मिलती है.
बॉडी डिटॉक्सीफाई होती है.
इम्यूनिटी बढ़ती है.
शरीर में एनर्जी बनी रहती है.
एजिंग और रिंकल कम होते है.
सोरायसिस और एक्जिमा जैसी स्किन प्रॉब्लम नहीं होती हैं.
बेजान बाल अच्छे होते हैं.
पानी पीने से कई फायदे हैं लेकिन एक लिमिट तक. कहा भी जाता है कि अति सर्वत्र वर्जयेत यानी किसी चीज की अति हानिकारक होती है. यही बात पानी ज्यादा पीने पर अप्लाई होती है.
जरूरत से ज्यादा पानी पीने के नुकसान
वॉटर पॉइजनिंग
अतिरिक्त पानी पीना भी कई खतरों को बुलावा देना है, यहां तक कि ये मौत की वजह भी बन सकता है. इसे वॉटर इनॉक्सिकेशन या वॉटर पॉइजनिंग भी कहते हैं.
आसान भाषा में समझा जाए तो ज्यादा पानी पीने की वजह से ब्रेन के फंक्शन में बाधा आती है. इसमें खून में पानी की मात्रा बढ़ जाती है. इसे ही वाटर पॉइजनिंग कहा जाता है.
सोडियम कम होना
ज्यादा पानी पानी से खून में सोडियम का लेवल बहुत कम हो जाता है. इसका ब्रेन में डायरेक्ट असर होने से कोई व्यक्ति कोमा में जा सकता है या उसकी मौत भी हो सकती है.
सेल्युलर स्वेलिंग
बॉडी में सोडियम की मात्रा बेहद कम होने पर ब्रेन और बॉडी दोनों की कोशिकाओं में सूजन हो जाती है. जिसे सेल्युलर स्वेलिंग कहते हैं. इससे आपको भ्रम, उनींदापन, क्रैम्प, मांसपेशियों में कमजोरी और हाई बीपी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं.
ओवरहाइड्रेशन
जरूरत से ज्यादा पानी पीसे से ओवरहाइड्रेशन याने वाटर इंटाक्सिकेशन होने लगता है. इसमें जी मिचलाना, उल्टी, सिर दर्द जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. समस्या गंभीर होने पर दौरा आना, कोमा में जाना या मौत का खतरा बढ़ जाता है.
पानी की ज्यादा मात्रा की जरूरत
आमतौर पर शरीर को इन 2 सिचुएशन में ज्यादा पानी की जरूरत होती है
प्रेग्नेंट महिलाओं या बच्चे को दूध पिलाने वाली मां को
जब किसी व्यक्ति को बुखार और उल्टी हो.