English, Math और Science के लिए CBSE का नया असेस्मेंट फ्रेमवर्क, शिक्षा मंत्री Ramesh Pokhriyal Nishank ने किया लॉन्च
सीबीएसई (CBSE) बोर्ड ने नया असेसमेंट फ्रेमवर्क (Assessment Framework) लॉन्च किया है. इसके तहत इंग्लिश (English), मैथ (Math) और साइंस (Science) जैसे विषयों में किताबी ज्ञान के बजाय प्रैक्टिकल एजुकेशन (Practical Education) पर फोकस किया जाएगा.
नई दिल्ली: सीबीएसई बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 6वीं से लेकर 10वीं तक के छात्रों के लिए नया असेसमेंट फ्रेमवर्क (CBSE Assessment Framework) लॉन्च किया है. यह असेसमेंट फ्रेमवर्क ब्रिटिश काउंसिल (British Council) के साथ मिलकर तैयार किया गया है. इसे कल यानी 24 मार्च 2021 को शिक्षा मंत्री (Education Minister) रमेश पोखरिया निशंक (Ramesh Pokhriyal Nishank) ने लॉन्च किया था. इससे छात्रों को पढ़ाई में काफी मदद मिलेगी.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हुई पहल
नया असेसमेंट फ्रेमवर्क (CBSE Assessment Framework) 6वीं से लेकर 10वीं क्लास तक के छात्रों की तीन प्रमुख विषयों में हेल्प करेगा. ये सब्जेक्ट्स साइंस (Science), मैथ (Math) और इंग्लिश (English) हैं. नए फ्रेमवर्क की पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के तहत की गई है और यह कंपीटेंसी बेस्ड (Competency Based Assessment Framework) है. इससे स्टूडेंट्स को सब्जेक्ट्स रटने की जरूरत नहीं पड़ेगी और उन्हें प्रैक्टिकल एजुकेशन (Practical Education) मिल सकेगी.
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रियल दुनिया से जोड़ेगी नई पहल
नए असेसमेंट फ्रेमवर्क (CBSE Assessment Framework) के लॉन्च कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Education Minister Ramesh Pokhriyal Nishank) के साथ ही सीबीएसई (CBSE) की पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान स्कूली शिक्षा निदेशक अनीता करवल (Anita Karwal) भी मौजूद थीं. नई शिक्षा नीति (National Education Policy) के तहत कंपीटेंसी बेस्ड अप्रोच (Competency Based Approach) में किताबी ज्ञान के बजाय बच्चों को रियल वर्ल्ड (Real World) से जोड़कर शिक्षा (Education) दी जाएगी. इससे उनकी प्रॉब्लम सॉल्विंग (Problem Solving) और एनालिटिकल एबिलिटी स्किल्स (Analytical Ability Skills) को बढ़ावा मिलेगा.
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कठिन सब्जेक्ट्स पर बढ़ेगा फोकस
इस असेसमेंट फ्रेमवर्क (CBSE Assessment Framework) में साइंस (Science), मैथ (Math) और इंग्लिश (English) विषयों के टीचर्स को गाइड करने के लिए मदद की जाएगी. इससे वे बच्चों की प्रैक्टिकल लर्निंग (Practical Learning) में मदद कर सकेंगे. अब बच्चों को रोजाना की समस्याओं और उदाहरणों के साथ सब्जेक्ट्स पढ़ाए जाएंगे. इससे वे सिर्फ पास होने के लिए पढ़ाई नहीं करेंगे, बल्कि दुनिया की रियल समस्याओं को डील करने के काबिल भी बनेंगे.