Exam के `3 Idiots`: पढ़ाई ही सबकुछ नहीं! जानिए कैसे 12वीं पास सचिन बने क्रिकेट के `भगवान`
सचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में हुआ था. सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट को क्या कुछ दिया है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जाता है कि इस क्रिकेटर के नाम कुछ ऐसे रिकॉर्ड दर्ज हैं, जिन्हें तोड़ पाना मुमकिन ही नहीं नामुमकिन लगता है. बल्लेबाजी का शायद ही ऐसा कोई रिकॉर्ड होगा जो सचिन तेंदुलकर ने नहीं बनाए हो. इन उपलब्धियों की वजह से ही सचिन तेंदुलकर को `क्रिकेट का भगवान` कहा जाता है.
नई दिल्ली. सफलता का पैमाना पढ़ाई से आंका जाता है. किसी भी छात्र के 10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन में जितने अच्छे परसेंटेज होंगे, उसे उतना ही अच्छा माना जाता है. वहीं, जिन छात्रों के अंक कम हैं, उनको कमजोर माना जाता है. ऐसे छात्रों के लिए हमारे समाज में धारणा है कि वे असल जिंदगी में भी सफल नहीं होंगे, लेकिन ऐसा नहीं है ! देश में ऐसी कई शाख्सियत हैं जो कम पढ़ें हैं या फिर पढ़ाई में अच्छे नहीं थे या उन्हें किसी वजह से पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी. बावजूद वे जिंदगी की परीक्षा में सफल हैं. ऐसे लोगों में क्रिकेट के 'भगवान' सचिन तेंदुलकर भी शामिल हैं.
बल्लेबाजी का हर रिकॉर्ड सचिन के नाम
सचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में हुआ था. सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट को क्या कुछ दिया है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जाता है कि इस क्रिकेटर के नाम कुछ ऐसे रिकॉर्ड दर्ज हैं, जिन्हें तोड़ पाना मुमकिन ही नहीं नामुमकिन लगता है. बल्लेबाजी का शायद ही ऐसा कोई रिकॉर्ड होगा जो सचिन तेंदुलकर ने नहीं बनाए हो. इन उपलब्धियों की वजह से ही सचिन तेंदुलकर को 'क्रिकेट का भगवान' कहा जाता है.
15 नवंबर 1989 में किया डेब्यू
सचिन तेंदुलकर जब 10वीं का एग्जाम दे रहे थे, तो उनका चयन भारतीय टीम में हो गया. इसके चलते वे 12वीं में एडमिशन नहीं ले पाए. हालांकि, कई साल के अंतराल के बाद उन्होंने 12वीं में एडमिशन लिया और परीक्षा पास किया. आज यानि कि 15 नवंबर के ही दिन उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच कराची के नेशनल स्टेडियम में खेला था. इस मैच में वह सिर्फ 15 रन ही बना पाए, लेकिन अपनी इस पारी के जरिए उन्होंने क्रिकेट एक्सपर्ट को हिंट दे दिया था कि वे लंबी रेस के घोड़े हैं.
सचिन क्रीच पर रहते तो मैच जितने की रहती उम्मीद
भारतीय टीम में आज विराट कोहली, के.एल राहुल, रोहित शर्मा, रविंद्र जड़ेजा, बुमराह, अश्विन, धवन, भुवनेश्वर जैसे बड़े खिलाड़ी हैं. वहीं, इससे पहले महेंद्र सिंह धोनी, सहवाग, गंभीर, युवराज, रैना, जहीर खान, जैसे खिलाड़ी टीम में आए और उन्होंने अपने प्रदर्शन से भारत को कई मैच जिताया. लेकिन 1990 से लेकर 2007 का वो दौर था, जब टीम में गांगुली, सहवाग जैसे खिलाड़ी आउट हो जाते तो लोगों को सचिन से उम्मीद रहती थी. और जब तक वह क्रीच पर रहते थे, तब-तक दर्शकों को उम्मीद रहती थी कि भारत मैच जीत जाएगा.
सचिन का अंतरराष्ट्रीय करियर
सचिन ने 2013 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा था. उन्होंने अपने 24 साल लंबे करियर में 200 टेस्ट, 463 वनडे और एक टी-20 खेला. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 34 हजार से ज्यादा रन बनाए. टेस्ट में सचिन ने 51 शतकों के साथ 15921 और वनडे में 49 सेंचुरी के साथ 18426 रन ठोके. वे दोनों ही फॉर्मेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं.
सबसे पहले इस खिलाड़ी ने कहा भगवान
भारतीय क्रिकेट टीम 1998 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई थी. इस सीरीज के दौरान एक मैच में सचिन तेंदुलकर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दोहरा शतक लगाया था. इस पारी के दौरान सचिन ने डैनियल मार्टिन जैसे गेंदबाजों की जमकर धुनाई की थी. सचिन की बल्लेबाजी देखकर हेडन इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने सचिन को भगवान तक कह दिया. हेडेन ने सचिन तेंदुलकर के बारे में कहा था कि हां मैंने भगवान को देखा है, वह भारत के लिए नंबर चार पर बल्लेबाजी करता है. फिर इसके बाद तो सभी लोगों का जुबान पर यह भगवान शब्द चढ़ गया. धीरे-धीरे लोग उन्हें क्रिकेट का 'भगवान' कहने लगे.
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