नई दिल्ली. गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी (GBU) ड्रोन स्टडीज में सर्टफिकेट कोर्स शुरू करने वाली पहली यूनिवर्सिटी बनेगी. अधिकारियों की मानें तो विवि में यह कोर्स अप्रैल से शुरू हो जाएगा. सर्टिफिकेट कोर्स 3 से 6 महीने का होगा. हालांकि, जीबीयू से पहले आईआईटी गुवाहटी, मीट्स ग्वालियर और आंध्र प्रदेश यूनिवर्सिटी में भी ड्रोन स्टडीज के सर्टिफिकेट कोर्स संचालित किए जा रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में अभी तक यह कोर्स किसी भी विवि द्वारा नहीं संचालित किया जा रहा था. ऐसे में जीबीयू यह कोर्स शुरू कर के इतिहास रचेगा.


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विवि के उपकुलपति ने बताया कि इस कोर्स के शुरू होने से देश में ड्रोन को लेकर आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. साथ ही दिल्ली एनसीआर में ड्रोन की रिसर्च भी बढ़ेगी. इसके लिए, जीबीयू ने सोमवार को अनुसंधान के लिए दो MOU(एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. 


विश्वविद्यालय का उद्देश्य पर्यावरण, औद्योगिक और नागरिक क्षेत्रों में उपयोग के लिए ड्रोन विकसित करना है. सीईडीटी के संयोजक नवेद जफर रिजवी के मुताबिक यह यूपी में पहला ऐसा केंद्र है, जहां पर विभिन्न सरकारी, औद्योगिक,नागरिक और स्वास्थ्य निकायों के लिए विभिन्न प्रकार के ड्रोन विकसित किए जाएंगे.


उन्होंने कहा कि विवि में अब तक कुल 29 छात्रों ने अप्रैल सत्र के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. आईसीटी के स्टूडेंट्स दो क्वॉडकॉप्टर ड्रोन पहले ही बना चुके हैं. ये ड्रोन लगभग 15 मिनट तक हवा में रह सकते हैं और 300 प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकते हैं. 


इन ड्रोन्स का प्रयोग खेतों की निगरानी और ट्रैफिक कंट्रोल के लिए किया जाता है. इसमें एक ड्रोन ऐसा भी है जो हॉस्पिटल और क्लिनिक को ब्लड का सैंपल भी पहुंचा सकता है. 


अधिकारियों के मुताबिक सीईडटी पांच अप्रोच पर आधारित होगी. इसके जरिए छात्रों की ड्रोन टेक्नोलॉजी में स्किल डेवलप की जाएगी. साथ ही रिसर्च डेवलमेंट, टेस्टिंग अन्य तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी. 


हालांकि सीईडीटी एक स्टैंडअलोन केंद्र है, अन्य विश्वविद्यालय विभागों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, सिविल इंजीनियरिंग, माइक्रोबायोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के छात्र अनुसंधान में सहयोग करेंगे. इससे न केवल जीबीयू के छात्रों को बल्कि यूपी के अन्य जिलों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के छात्रों को ड्रोन के क्षेत्र में शिक्षण और प्रशिक्षण के अवसर मिलेंगे.