Elders Wake Up Early In Morning: भारत में आज भी ज्यादातर लोग जॉइंट फैमिली में रहना पसंद करते हैं. ऐसे घरों में लोगों को एक-दूसरे की छोटी-बड़ी हर खूबी और खामी के साथ रहना पड़ता है. सबकी अलग-अलग आदतें होती हैं. ऐसी ही एक आदत होती हैं घर के बुजुर्गों की, जो सुबह-सुबह सबसे पहले ही जाग जाते हैं.


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अक्सर नई जनरेशन को इस बात से परेशानी भी बहुत होती है, लेकिन क्या कभी किसी ने ये समझने की कोशिश की कि वो ऐसा क्यों करते हैं? इसके पीछे का विज्ञान क्या है. आपको बता दें, इस दुनिया में जो भी चीजें होती हैं, उसके पीछे कोई ना कोई साइंस काम करता है.


बढ़ती उम्र है सबसे बड़ी वजह
यह तो सभी जानते हैं कि जब हमारी उम्र बढ़ती है तो शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हैं. इसमें नींद के पैटर्न में बदलाव भी शामिल है. धीरे-धीरे ब्रेन की वर्किंग कैपेसिटी पर भी असर पड़ता है, जिससे इंद्रियों पर कंट्रोल कम होने लगता है. ऐसे में बुजुर्ग रात में जल्दी सोते हैं और सुबह जल्दी उठ जाते हैं. 


वक्त पर खाना जरूरी 
हमारे घर के बजुर्ग नियम के पक्के होते हैं. दुनिया चाहे इधर से उधर हो जाए, लेकिन उन्हें खाना समय पर चाहिए होता है. अगर वह रात में 8 बजे तक खाना खाते हैं उसी समय पर उन्हें रोज खाना चाहिए. रात का खाना खाने के थोड़ी देर बाद उन्हें नींद आने लगती है. जबकि, युवा रात में लेट खाना खाते हैं और देर से ही सोना पसंद करत  हैं. इस कारण फिर वो सुबह देर से उठते हैं.


जानें क्या कहता है साइंस
सुबह उठने की पूरी प्रक्रिया में Light Stimulation की अहम भूमिका होती है. जब इंसान की आयु बढ़ती है तो साथ ही उसके आंखों की रोशनी भी कम होने लगती है. इसके कारण बजुर्गों के दिमाग को मिलने वाली लाइट स्टिमुलेशन दृष्टि परिवर्तन कम कर देती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक लाइट स्टिमुलेशन इंसान की सक्रेडियन क्लॉक सेटिंग में अहम भूमिका निभाती है. ऐसे में सूर्यास्त के बाद बुजुर्ग कोशिश करते हैं कि वे खाना खा कर जल्दी सो जाएं.  इससे उनकी नींद भी सुबह-सुबह खुल जाती है.