Why Are Police Vehicles Without Bulletproof Windshield: एक बुलेटप्रूफ गाड़ियां सबसे सुरक्षित होती हैं, जो रासायनिक और जैविक हथियारों के खिलाफ स्किल्ड होने के साथ ही मोर्टार के गोले, मशीन गन और हैंड ग्रेनेड का सामना करने में भी सक्षम होती हैं. ये देश में सर्वोच्च पदों पर आसिन लोगों, वीवीआईपी मेहमानों, धनपतियों और गणमान्य राजनीतिक व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करती हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

फिर पुलिस की गाड़ियां बुलेटप्रूफ क्यों नहीं होती, क्या कभी आपके मन में यह सवाल नहीं आया? आज हम जानेंगे कि आखिर क्यों रोजाना जोखिम भरी परिस्थितियों में काम करने वाले पुलिस अधिकारियों की गाड़ियां बुलेटप्रूफ नहीं होती. 


हालांकि, पूरी दुनिया में ज्यादातर पुलिस विभाग ये दावा करते हैं कि उनके पास ऐसी गाड़ियां हैं जो कुछ हद तक उसमें बैठने वाले लोगों की सुरक्षित रखती हैं. उन्हें बुलेटप्रूफ जैकेट तो दी जाती हैं, लेकिन बुलेट प्रूफ गाड़ियां नहीं दी जाती. 


सुरक्षात्मक परतों से लैस करने के लिए होगा बहुत खर्च
एक्सपर्ट्स के मुताबिक एक बुलेटप्रूफ कार बनाने बहुत ज्यादा खर्चा आता है और दुनिया में कहीं भी पुलिस डिपार्टमेंट के पास ही सबसे ज्यादा वाहन होते हैं. अगर पुलिस बड़े स्तर पर अपनी कारों को बुलेटप्रूफ करवाए तो इस पर भारी-भरकम रुपया खर्च करना होगा. वहीं, बुलेटप्रूफ ग्लास पैनल साधारण ग्लास पैनल की अपेक्षा बहुत भारी होते हैं, जो हर आम वाहन में आसानी से फिट नहीं हो सकते हैं.


यही कारण है कि कई देशों में पुलिस की गाड़ियां बुलेटप्रूफ नहीं होती और पुलिस आम सुरक्षा के साथ गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, अमेरिका के इंडियाना के एलवुड शहर ने हाल ही में अपने बेड़े में सभी आधिकारिक गश्ती और क्रूजर कारों पर एंटी-बैलिस्टिक विंडशील्ड लगाने का फैसला लिया है.


बैलिस्टिक पैनल क्या है? 
बुलेटप्रूफ ग्लास में पॉली कार्बोनेट प्लास्टिक की कई परतें होती हैं. कैमिकल से तैयार ये लेयर्स कांच की बनवाट को मजबूत करती हैं. इसके बाद पूरी संरचना पर दबाव डालाकर ताकत को और बढ़ाने के लिए इसे गर्म किया जाता है. 


बैलिस्टिक पैनल ऐसे करते हैं सुरक्षा
जब एक गोली एक साधारण कांच से टकराती है तो कांच टूट, लेकिन उसकी रफ्तार इतनी तेज होती हैं कि आसानी से कांच को पार करते हुए कार में बैठे व्यक्ति को भेद देती है. वहीं, एक बुलेटप्रूफ ग्लास पर गोली के टकराने से इसका प्रभाव पूरे पैनल पर एक जैसा होता है और कांच बुलेट की ऊर्जा को अवशोषित कर लेता है, जो बुलेटप्रूफ कांच में घुसने में असमर्थ होती है. इससे कांच केवल चटकता है, लेकिन पर टूटता नहीं और गाड़ी में बैठे शख्स को कोई नुकसान नहीं होता. 


जरूर पढ़ें
Knowledge: आखिर बुलेटप्रूफ गाड़ी में ऐसा क्या लगा होता है, जो गोली को अंदर नहीं आने देता? 


Success Tips: सोशल मीडिया पर घंटों एक्टिव रहने वाली इस CBSE Topper ने दिया सफलता का मूलमंत्र, जो है सभी के काम का