महज 23 साल की उम्र में बनीं UPSC टॉपर, हासिल की 4 रैंक, रह चुकी हैं ऑल इंडिया बोर्ड टॉपर
IAS Officer Smita Sabharwal: आईएएस स्मिता ने महज 23 साल की उम्र में ही UPSC की सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर ली थी. वहीं यूपीएससी टॉपर होने के साथ-साथ स्मिता सभरवाल बोर्ड परीक्षा में ऑल इंडिया टॉपर भी रह चुकी हैं.
IAS Officer Smita Sabharwal: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास करना कोई बच्चों का खेल नहीं है. इस परीक्षा को पास करने में बहुत से उम्मीदवारों की पूरी जवानी निकल जाती है. इसके बावजूद उनमें से कई लोग इस परीक्षा को पास नहीं कर पाते हैं. हालांकि, बहुत से उम्मीदवार ऐसे भी होते हैं, जो बहुत कम उम्र में ही इस परीक्षा को पास कर ऑफिसर का पद हासिल कर लेते हैं. आज हम ऐसी ही एक उम्मीदवार की बात करेंगे, जिन्होंने बहुत कम उम्र में ही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली थी और ऑल इंडिया टॉपर्स की लिस्ट में अपनी जगह बना ली थी.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं आईएएस ऑफिसर स्मिता सभरवाल की, जो देश भर में सबसे कम उम्र में इस परीक्षा को पास करने वालों में से एक है. स्मिता एक IAS अधिकारी के रूप में अपने सराहनीय काम के लिए जानी जाती हैं. आईएएस स्मिता ने महज 23 साल की उम्र में ही UPSC की सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर ली थी. इसके अलावा बता दें कि यूपीएससी टॉपर होने के साथ-साथ स्मिता सभरवाल बोर्ड परीक्षा की टॉपर भी रह चुकी हैं.
स्मिता ने साल 2000 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा क्रैक की थी. इस परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया 4 रैंक हासिल की थी. यह रैंक उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में हासिल की थी. हालांकि, वो अपने पहले प्रयास में प्रीलिम्स परीक्षा तक भी क्वालीफाई नहीं कर पाई थीं.
बता दें कि स्मिता मूल रूप से दार्जिलिंग की रहने वाली हैं, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई हैदराबाद से की है. उन्होंने सेंट एन्स, मेरेडपल्ली, हैदराबाद में कक्षा 9वीं से स्कूली शिक्षा प्राप्त की है. वह ऑल इंडिया बोर्ड टॉपर भी रह चुकी हैं. उन्होंने अपनी कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में ऑल इंडिया पहली रैंक हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने आगे सेंट फ्रांसिस डिग्री कॉलेज फॉर वूमेन से बी.कॉम की डिग्री हासिल की. वह खुद को 'आर्मी ब्रैट' कहती हैं क्योंकि उनके पिता कर्नल पीके दास एक सेवानिवृत्त सेना अधिकारी हैं.
आईएएस स्मिता कहती हैं कि वह यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए रोजाना 6 घंटे पढ़ाई किया करती थी. इसके अलावा पढ़ाई के दबाव को दूर करने के लिए वह कुछ को-करिकुलर एक्टिविटी में शामिल हो जाया करती थीं.
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