पिता ने ऐसे कराई UPSC प्रीलिम्स से लेकर इंटरव्यू तक की तैयारी कि बेटी भी महज 22 की उम्र में बन गई IAS
IAS Officer Swati Meena: आज स्वाति मीणा की तेज तर्रार आईपीएस ऑफिसर हैं. उनके नाम से आज खनन माफिया के लोग खौफ खाते हैं.
IAS Officer Swati Meena: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास करना हर उम्मीदवार का सपना होता है, लेकिन करीब 0.2 प्रतिशत उम्मीदवार ही हर साल इस परीक्षा को पास कर ऑफिसर का पद हासिल कर पाते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही आईएएस ऑफिसर के बारे में बताएंगे, जिन्होंने इन 0.2 प्रतिशत उम्मीदवारों की लिस्ट में जगह बनाई है. इसके अलावा वह अपने बैच की सबसे कम उम्र की आईएएस ऑफिसर थीं क्योंकि उन्होंने मात्र 22 साल की उम्र में ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली थी.
इस कारण ठानी IAS बनने की जिद्द
दरअसल, हम बात कर रहे हैं आईएएस ऑफिसर स्वाति मीणा की. स्वाति का जन्म राजस्थान में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा राजस्थान के ही अजमेर जिले में रहकर हासिल की थी. स्वाती की मां चाहती थी कि उनका बेटी बड़ी होकर डॉक्टर बनें और इसमें स्वाति को भी कोई एतराज नहीं थे, लेकिन जब स्वाति कक्षा 8वीं में थी, तब एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जिसके बाद उन्होंने डॉक्टर बनने के बजाय आईएएस ऑफिसर बनने की ठानी.
पिता ने किया फैसले का समर्थन
दरअसल, आईएएस ऑफिसर बनने की जिद्द स्वाति ने अपनी अधिकारी मौसी को देख कर पाली थी क्योंकि एक बार स्वाती मीणा के पिता जब स्वाति की मौसी से मिले, तो वे उन्हें ऑफिसर बना देख काफी खुश थे. पिता की खुशी देख स्वाति ने भी बड़े होकर ऑफिसर बनने का सपना देखा. उनके इस फैसले में उनके पिता ने उनका काफी साथ दिया.
पिता ने कराई यूपीएससी की तैयारी
बता दें कि स्वाति मीणा की मां पेट्रोल पंप चलाती थीं तो ऐसे में उनके पिता यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए स्वाति की मदद किया करते थे. उनके पिता ने स्वाति की परीक्षा के अंत तक लगातार तैयारी करवाई थी. यहां तक कि उन्होंने इंटरव्यू राउंड के दौरार स्वाति के कई इंटरव्यू लिए, जिसने स्वाति को उनकी तैयारी को बेहतर बनाने में काफी मदद की. इसी का नतीजा था कि उन्होंने अपने पहले प्रयास में साल 2007 में आयोजित यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया 260वीं रैंक हासिल की और आईएएस ऑफिसर बन गईं.
आज दबंग अफसर के रूप में होती है गिनती
बता दें कि आईएएस ऑफिसर स्वाति मीणा एक निडर और दबंग ऑफिसर के रूप में जानी जाती हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश के मंडला में पोस्टिंग के दौरान खनन माफियाओं पर काफी कड़ी कार्रवाई की थी. वह जब मंडला में कलेक्टर बनकर पहुंचीं तो खनन माफिया के बारे में कई विभागों से शिकायत सुनी, जिसके बाद उन्होंने उन पर कार्रवाई करके उनके इस गिरोह की कमर ही तोड़ दी. इस घटना के बाद से ही खनन माफिया के लोग उनसे खौफ खाने लगे. इसके अलावा इसी तरह खंडवा में भी स्वाति ने काफी चुनौतीपूर्ण कार्य को अंजाम दिया था.