Indian Marcos: दुनियाभर की थल सेना, नौसेना और वायु सेना की बात करें, तो हमारे देश की तीनों सेना दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी और ताकतवर सेना है, जिसका सामना करने से भी कई देश घबराते हैं. वहीं, अपने देश की सेना की बात करें तो इन्ही में से एक फोर्स ऐसी भी है, जिनके कमांडो को दुनिया के सबसे डेडलिएस्ट कमांडो कहा जाता है. सबसे अधिक खतरे वाली कंडीशन को संभालने और उसका मुकाबला करने के लिए इन्हें ही भेजा जाता है.


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देश पर आने वाले सबसे बड़े खतरों से निपटने की जिम्मेदारी भी इन्हें ही दी जाती है. इस स्पेशल फोर्स में केवल उन्ही बहादुर सैनिकों को जगह मिलती है, जो किसी भी कंडीशन में अपनी जान की बाजी लगाने से पीछे नहीं हटते और इस फोर्स की खासियत यह भी होती है कि यह तय समय में अपने ऑप्रेशन को अंजाम दे देती है.


दरअसल, हम बात कर रहे हैं इंडियन मार्कोस (Indian Marcos) की. मार्कोस (Marcos) को 'मरीन कमांडो' के नाम से जाना जाता है. बता दें कि HALO और HAHO में प्रशिक्षित, सर्वश्रेष्ठ असॉल्ट राइफल्स, स्नाइपर राइफल्स और वास्तविक समय के युद्ध उपकरणों से लैस, भारतीय मार्कोस दुनिया की सबसे घातक स्पेशल फोर्सेस में से एक हैं. ये समंद्र की सतह से 55 मीटर नीचे कई मिनटों तक बिना ऑक्सिजन उपकरण के भी लड़ सकते हैं.


इनका प्रशिक्षण सबसे पहले अमेरिकी नेवी सील के पैटर्न के मुताबिक होता है. इसके बाद इन्हें ब्रिटिश एसएएस (British SAS) के साथ और फिर अनिवार्य रूप से वैरंगटे में सीआईजेडब्ल्यू (गुरिल्ला वॉर) के तहत ट्रेनिंग दी जाती है. इनकी ट्रेनिंग के दौरान सबसे महत्वपूर्ण चीज यह होती है कि इन्हें शारीरिक प्रशिक्षण के अलावा भावनात्मक प्रशिक्षण भी दिया जाता है.


बता दें कि अत्यधिक गोपनीयता के तहत काम करते हुए, MARCOS ने कारगिल युद्ध, ऑपरेशन लीच, ऑपरेशन स्वान, एक्सरसाइज बैलेंस Iroquois 03-1/Vajrstormehar और कई अन्य ऑप्रेशन को अंजाम दिया है. इन्हें "दाढ़ीवाली फौज" (Bearded Army) का उपनाम भी दिया गया है, मार्कोस अमेरिकी नेवी सील के बाद एकमात्र ऐसी स्पेशल फोर्स है जो सभी हथियारों के साथ लैस होने के बावजूद पानी में भी लड़ सकते हैं.