Interesting Facts: साइंस ने आज बहुत तरक्की कर ली है. इसी में एक लिफ्ट का आविष्कार भी बहुत महत्वपूर्ण आविष्कार है. आज हम आराम से लिफ्ट के जरिए मिनटों में बहुमंजिला इमारतों के किसी भी फ्लोर पर पहुंच जाते हैं. ये बिजली से चलती हैं. इनमें घिरनियों, लोहे के केबल और संतुलन भार का इस्तेमाल किया जाता है. आजकल केवल ऊंची बिल्डिंग्स की नहीं, बल्कि जहाजों, बांधों आदि हर जगह लिफ्ट का यूज होता है, लेकिन लिफ्ट का स्वरूप हमेशा से ऐसा नहीं था. क्या आपने कभी सोचा कि लिफ्ट का आविष्कार कैसे हुआ? नहीं न, तो आज हम आपको बताएंगे कि किसने बनाई लिफ्ट और कैसे हुआ इसका आविष्कार...


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लगातार होते रहे बदलाव
आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि लिफ्ट का आविष्कार किसी एक व्यक्ति द्वारा या फिर केवल एक दिन में नहीं हुआ. जो लिफ्ट अब हम देखते हैं या इस्तेमाल करते हैं, वो धीरे-धीरे विकसित हुई है. 


सबसे पहले रोम में किया गया लिफ्ट का इस्तेमाल
वो कहते है ना कि जरूरत आविष्कार की जननी है. वैसे ही भवन निर्माण, पुल निर्माण आदि कामों में भारी सामान उठाने के लिए रोमन काल में लिफ्ट जैसी एक मशीन का आविष्कार हुआ. सबसे पहले रोम के इंजीनियर वित्रूवियस पोलियो ने ईसा पूर्व पहली सदी में घिरनियों द्वारा उठाने और नीचे लाने के लिए ऐसी सतह का इस्तेमाल किया, जिस पर भारी चीजें रखकर ऊपर पहुंचाई जाती थीं. 


1852 में पहली बार मनुष्यों के लिए की गई इस्तेमाल
ये लिफ्ट घिरनियों के जरिए चलती थी, इन घिरनियों को आदमी, पशु या जलशक्ति द्वारा संचालित किया जाता था. 1800 ईंस्वी के करीब इसे भाप से चलाया जाने लगा. 
19वीं सदी की शुरुआत में द्रवचालित लिफ्ट का इस्तेमाल होने लगा था, तब तक इनसे केवल भारी सामान ही ढोया जाता था. सन 1852 में एलिशा ग्रेव्स ओटिस ने लिफ्ट में सिक्योरिटी फीचर्स लगाए और फिर लोगों को ऊपर नीचे लाने ले जाने का काम शुरू हुआ. 


अमेरिका में हुआ आधुनिक लिफ्ट का आविष्कार
कहा जाता है कि आधुनिक लिफ्ट का आविष्कार सबसे पहले अमेरिकी उद्योगपति इलिशा ओटिस ने किया. अब ओटिस नाम की कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी लिफ्ट निर्माता और असेंबलिंग कंपनी है. सबसे पहली बार लोगों के लिए लिफ्ट 1857 में न्यूयार्क के हावूट डिपार्टमेंटल स्टोर में शुरू की गई. यह लिफ्ट एक मिनट से कम समय में 5 मंजिल तक पहुंचा देती थी. इसके बाद इस लिफ्ट में तीन दशकों तक संशोधन होते रहे. 


सबसे अहम बदलाव 
साल 1889 में  लिफ्ट में पुश बटन का यूज किया गया. यह बहुत अहम बदलाव था. इसके बाद लिफ्ट को सही तरीके से डिजाइन किया गया और स्पीड, सिक्योरिटी से संबंधित मुख्य परेशानियां दूर की गईं. ज्यादा सुरक्षित लिफ्ट बहुमंजिला इमारतों के लिए उपयोगी साबित हुईं. साल 1950 तक ये ऑटोमैटिक हो चुकी थीं. इस तरह धीरे-धीरे लिफ्ट की बनावट चेंज होती गई और आज इसके बिना किसी ऊंची बिल्डिंग तक पहुंचने की कल्पना भी नहीं की जा सकती.