नई दिल्ली. 'जिंदगी के टॉपर' नाम से हम एक सीरीज चला रहे हैं. इसके तहत हम हर दिन एक ऐसे शाख्सियत के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपने करियर में एक अलग-मुकाम हासिल किया है. भले ही वह पढ़ाई में कमजोर रहे हो या फिर किसी वजह से उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी.... इसी कड़ी में आज हम भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर 'सर' जडेजा की बात करेंगे और हम बताएंगे कि कैसे वह टीम इंडिया के बेहतरीन ऑलराउंडर बन गए.....


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

संघर्षों से भरा हुआ है जडेजा का जीवन
जडेजा भारत के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं. वह बाएं हाथ के बल्लेबाज और गेंदबाज हैं. रविंद्र जडेजा का पूरा नाम रविंद्रसिंह अनिरुद्धसिंह जडेजा है. उनका जन्म 6 दिसंबर, 1988 को गुजरात के जामनगर जिले में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम अनिरुद्धसिन्ह जडेजा और माता का नाम लता जडेजा था.


जिंदगी के 'टॉपर': 9वीं फेल पांड्या जीते हैं Luxurious लाइफ, जानें कैसे बने टीम इंडिया के टॉप ऑलराउंडर


बीच में छोड़ी पढ़ाई
जडेजा का बचपन तंगहाली में बीता. उनके पिता आर्मी में थे, लेकिन ड्यूटी के दौरान चोट लगने की वजह से उन्होंने नौकरी छोड़ दिया. और बाद में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने लगे. जडेजा के परिवार का खर्च पिता की पेंशन व सिक्योरिटी गार्ड के रूप में मिलने वाली सैलरी से चलता था. यही कारण है कि परिवार के अन्य खर्च के लिए उनकी बहन नैना भी नर्स का काम करने लगी थीं.


जडेजा के पिता चाहते थे, कि बेटा स्नातक की पढ़ाई करने के बाद सेना में ऑफिसर बने, लेकिन जडेजा को सेना की नौकरी पसंद नहीं थी. क्योंकि उनके दिमाग में हमेशा क्रिकेट चलता था. यही कारण था कि उन्होंने स्नातक भी नहीं पूरा किया और खुद को क्रिकेट के प्रति समर्पित कर दिया. इस दौरान उन्हें पिता के विरोध का भी सामना करना पड़ा, लेकिन बड़ी बहन ने पिता को मना लिया.


मां के निधन से टूट गए थे जडेजा
जडेजा के जीवन में सबकुछ ठीक चल रहा था, इसी दौरान उनकी मां का निधन हो गया. जडेजा, मां के काफी करीब थे. इस वजह से वह मां के निधन के बाद गुमशुम-गुमशुम रहने लगे. यही वजह थी कि वह क्रिकेट से भी दूरी बनाने लगे थे. लेकिन, जब उनकी बहन नैना को यह बात पता चली तो वह, उन्हें सपोर्ट करने लगीं. इसी दौरान यानि कि सन् 2000 में उनका चयन सौराष्ट्र क्रिकेट टीम में हो गया.


पहले ही मैच में कर दिया कमाल
रविंद्र जडेजा ने पहले ही मैच में कमाल कर दिया. सौराष्ट्र अंडर-14 टीम की तरफ से जडेजा ने पहले ही मैच में 72 रन देकर 4 विकेट झटके और 87 रन बनाए. रविंद्र के अच्छे प्रदर्शन के कारण उनको अंडर-19 टीम इंडिया में स्थान मिल गया. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और इसके बाद उन्हें टीम इंडिया के लिए भी चुन लिया गया.


2008 में किया डेब्यू
जडेजा ने श्रीलंका के खिलाफ 2009 में डेब्यू किया. उस समय टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे. अपने डेब्यू मैच में उन्होंने 77 बॉल पर  66 रन बनाएं. उनकी इस पारी की बदौलत उन्हें टीम इंडिया में एक ऑलराउंडर खिलाड़ी के रूप में शामिल कर लिया गया. आज जडेजा भारतीय क्रिकेट टीम के अहम खिलाड़ी हैं. वह हर मैच में बल्लेबाजी, गेदबाजी और फील्डिंग में योगदान देते हैं. फील्ड पर जडेजा इतने चुस्त-दुरुस्त रहते हैं कि कोई भी बल्लेबाज बाउंड्री के करीब गेंद जाने पर भी दो रन लेने में कतराता है.


रविंद्र जडेजा का करियर
रवींद्र जडेजा ने अब तक 53 टेस्ट में 2041 रन बनाए हैं और 221 विकेट लिए हैं. वे भारत की ओर से टेस्ट में 2 हजार से अधिक रन और 200 से अधिक विकेट लेने वाले 5वें खिलाड़ी हैं. जडेजा ने टेस्ट में एक शतक और 16 अर्धशतक लगाया है. साथ ही गेंदबाजी करते हुए उन्होंने 24 की औसत से 221 विकेट लिए हैं. इसके अलावा वह 9 बार 5 और एक बार 10 विकेट लेने का कारनामा भी चुके हैं. वहीं, 136 वनडे में रविंद्र ने 5561 रन 10 अर्द्धशतक के साथ बनाए  हैं . साथ ही उन्होंने 155 विकेट भी लिया है.


WATCH LIVE TV