नई दिल्ली: भारत में अगर आपको आईएएस (IAS) या आईपीएस (IPS) बनना है, तो आपको इसके लिए यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा क्रैक करनी होगा. आपको परीक्षा के तीनों चरण - प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू तीनों क्लियर करना होगा, तब जाके आपको यह पद हासिल होंगे. वहीं, अगर आईएएस और आईपीएस के पदों की खास तौर पर बात की जाए, तो एक आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) का पद एक आईपीएस ऑफिसर (IPS Officer) के पद से बड़ा होता है. इसलिए आपने देखा होगा कि एक आईएएस के आने पर एक आईपीएस ऑफिसर को उन्हें सैल्यूट करना पड़ता है. लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि आखिर हमारे देश के ज्यादातर IPS ऑफिसर एक IAS ऑफिसर के सामने अपनी कैप क्यों नहीं पहनते. अगर नहीं, तो आइये आज हम आपको इसके पीछे की बेहद खास वजह के बारे में बताते हैं.


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IAS और IPS में होता है यह अंतर
सबसे पहले बता दें कि आईएएस और आईपीएस, दोनों ही ऑल इंडिया सर्विसेज हैं, लेकिन दोनों की कैडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी अलग-अलग है. आईएएस और आईपीएस, दोनों ही देश की पावरफुल पोस्ट पर तैनात होते हैं. एक आईएएस ऑफिसर डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट (District Magistrate) या डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर (District Collector) के पद पर तैनात किए जाते हैं. उनके पास जिले के सभी विभागों की जिम्मेदारी होती है. वहीं, अगर बात करें एक आईपीएस ऑफिसर की, तो उनके पास केवल उनके विभाग की ही जिम्मेदारी होती है.


इसलिए ज्यादातर IPS एक IAS के सामने नहीं पहनते अपनी कैप 
अब बात करें कि ज्यादातर आईपीएस ऑफिसर क्यों एक आईएएस ऑफिसर के सामने अपनी कैप नहीं पहनते. ऐसे में बता दें कि जब IPS ऑफिसर एक IAS ऑफिसर के साथ मीटिंग में जाते हैं, तो आईपीएस ऑफिसर को आईएएस ऑफिसर को सैल्यूट करना होता है, लेकिन ऐसा तभी करना होगा जब एक आईपीएस अपनी फुल यूनिफॉर्म में होगा, अगर एक आईपीएस ने अपनी कैप नहीं पहनी है, तो वह आईएएस ऑफिसर को सैल्यूट करने के लिए बाध्य नहीं होगा. इसलिए अक्सकर ज्यादातर आईपीएस ऑफिसर्स एक आईएएस ऑफिसर के सामने अपनी कैप नहीं पहनते हैं.