केरल में मां और बेटे ने एक साथ क्रैक किया PCS Exam, परीक्षा से 6 महीने पहले शुरू की तैयारी, पढ़ें दिलचस्प किस्सा
बिंदू ने करीब 10 साल तक शिक्षिका के तौर पर आंगनबाडी सेंटर में छात्रों को पढ़ाया है. वह बताती हैं कि उनके दोस्त, उनका बेटा और उनके कोचिंग सेंटर के प्रशिक्षकों ने उन्हें परीक्षा के दौरान काभी स्पोर्ट किया था.
नई दिल्ली: केरल के मलप्पुरम की 42 वर्षीय महिला बिंदू और उसके 24 वर्षीय बेटे विवेक ने लोक सेवा आयोग (PSC) की परीक्षा एक साथ पास की है. मीडिया रिपोर्टेस के अनुसार बेटे विवेक ने कहा कि "हम एक साथ कोचिंग कक्षाओं में जाते थे. मेरी मां मुझे यहां लेकर आई थी. वहीं मेरे पिता ने हमारे लिए सभी सुविधाओं की व्यवस्था की थी. परीक्षा से पहले व परीक्षा के दौरान हमें अपने शिक्षकों से बहुत प्रेरणा मिली. हम दोनों ने परीक्षा के लिए एक साथ पढ़ाई की थी लेकिन कभी यह नहीं सोचा था कि हम एक साथ क्वालीफाई करेंगे. परीक्षा के परिणाम से हम दोनों ही बेहद खुश हैं.
बता दें कि जब विवेक कक्षा 10वीं कक्षा में थे, तब बिंदू ने उसे प्रोत्साहित करने के लिए किताबें पढ़ना शुरू किया था, लेकिन इसी ने उन्हें केरल पीएससी परीक्षा (Keral PSC Exam) के लिए तैयार होने के लिए भी प्रेरित किया.
बिंदू ने लोअर डिवीजनल क्लर्क (LDC) की परीक्षा 38 रैंक के साथ पास की, जबकि उनके बेटे ने 92 रैंक के साथ लास्ट ग्रेड सर्वेंट्स (LGS) की परीक्षा पास की थी. बिंदू ने अपने चौथे प्रयास में एलडीसी परीक्षा पास की थी. उन्होंने अपने पहले दो प्रयासों में एलजीएस और तीसरे प्रयास में एलडीसी की परीक्षा दी थी, जिसमें वह सफल नहीं हो पाई थी.
बिंदू ने करीब 10 साल तक शिक्षिका के तौर पर आंगनबाडी सेंटर में छात्रों को पढ़ाया है. वह बताती हैं कि उनके दोस्त, उनका बेटा और उनके कोचिंग सेंटर के प्रशिक्षकों ने उन्हें परीक्षा के दौरान काभी स्पोर्ट किया था.
उन्होंने आगे कहा कि, "मैं इस बात की मिसाल हूं कि एक पीएससी परीक्षा के अभ्यर्थी में क्या गुण होने चाहिए और क्या नहीं. मेरा मतलब यह है कि मैं कभी भी लगातार पढ़ाई नहीं करती थी. मैं परीक्षा की तारीख से करीब 6 महीने पहले ही परीक्षा की तैयारी शुरू करती थी. वहीं मैं परीक्षा के अगले राउंड तक का ब्रेक लिया करती थी. क्योंकि तीन साल बाद पीएससी परीक्षाओं की घोषणा की जाती है. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि शायद, तैयारी के बीच में मिलने वाले इन ब्रेक के कारण ही मैं अब से पहले कभी परीक्षा पास नहीं कर पाई. उन्होंने यह भी कहा कि मैं इसकी भी उदाहरण हूं कि अगर आप लगातार असफलताओं के बाद भी प्रयास करते रहते हैं तो आखिरकार एक दिन आपको कामयाबी जरूर मिलती है.