अब बच्चे नहीं करेंगे जिद, मां-बाप को कहना पड़ेगा `प्लीज देख लो टीवी`
एनसीईआरटी (NCERT) के सभी टीवी चैनलों पर कक्षा 1 से 12 के लिए प्रसारित होने वाली ई-शिक्षण सामग्री के लिए इस समझौता ज्ञापन पर डिजिटल हस्ताक्षर किए.
नई दिल्ली: अभिभावकों के लिए लॉकडाउन एक अजीब चुनौती लेकर आया है. कोरोना वायरस महामारी से पहले स्कूल जाने वाले बच्चों को हमेशा मोबाइल और टीवी से दूर रहने को कहा जाता था. लेकिन अब आपको इसके उलट काम करना पड़ेगा. स्कूली शिक्षा पूरी करने के लिए अब आपको खुद अपने बच्चों को टीवी के आगे बैठने के लिए मिन्नतें करनी होगी. सुनने में अटपटा लगे लेकिन केंद्र सरकार ने अब इसकी तैयारियां कर ली है. अब बच्चों की शिक्षा टीवी के माध्यम से ही पूरी होगी.
1-12 कक्षा की पढ़ाई टीवी चैनलों से
जानकारों के कहना है कि शिक्षा विभाग ने कोरोना वायरस संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए टीवी के माध्यम से पढ़ाने का खाका तैयार कर लिया गया है. बच्चों को अब स्कूलों की बजाए टीवी चैनलों से ही सिलेबस पूरा करना पड़ेगा. इस बाबत ई-शिक्षा को और ज्यादा रचनात्मक बनाने के लिए एनसीईआरटी और रोटरी इंडिया ने एक समझौता किया है. एनसीईआरटी (NCERT) के सभी टीवी चैनलों पर कक्षा 1 से 12 के लिए प्रसारित होने वाली ई-शिक्षण सामग्री के लिए इस समझौता ज्ञापन पर डिजिटल हस्ताक्षर किए.
शिक्षा के हाई लेवल कंटेट होगी टीवी पर उपलब्ध
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, 'यह जानकर बड़ी प्रसन्नता महसूस हो रही है कि विद्या दान 2.0 के अंतर्गत रोटरी इंटरनेशनल कक्षा 1 से 12 के सभी विषयों के लिए एनसीईआरटी को हिंदी भाषा में ई-कंटेंट उपलब्ध कराएगा. यह सामग्री उच्च श्रेणी की है और उच्च गुणवत्ता वाली है. इससे हमारे सभी बच्चों को बहुत फायदा पहुंचेगा.'
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मामले से जुड़े एक अन्य अधिकारी का कहना है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार और अभिभावक चिंतित हैं. ऐसे में स्कूलों के खुलने के बावजूद हर कक्षा में तय सीमा से ज्यादा बच्चों को नहीं बुलाए जाने पर विचार हो रहा है. इन हालातों में जो बच्चे स्कूल नहीं आएंगे उनका सिलेबस भी समय से पूरा होना जरूरी है. इसी लिए सरकार ने अब टीवी के माध्यम से भी बच्चों को पढ़ाने का फैसला किया है.
निशंक ने कहा, 'हमने रेडियो और टीवी के माध्यम से अपने छात्रों तक पहुंचने का संकल्प लिया है जहां पर इंटरनेट या मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है और यह समझौता ज्ञापन उस दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है.' (IANS Input)
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