Train Derailment Recovery: आपने कई बार खबरों में सुना होगा कि ट्रेन पटरी से उतर गई. इसके कारण कभी कोई नुकसान नहीं होता तो कभी बड़ा हादसा हो जाता है. बीते शुक्रवार 2 जून 2023 को ही ओडिशा के बालासोर में एक भीषण ट्रेन एक्सीडेंट हो गया. यहां शालीमार स्टेशन से चेन्नई जा रही ट्रेन कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई, जिसने  यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट ट्रेन को भी अपनी चपेट में ले लिया. देखते ही देखते यह घटना एक भीषण रेल दुर्घटना में तब्दील हो गई.


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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हादसे में तकरीबन 280 यात्रियों की मौत हुई और 900 से ज्यादा लोग घायल हैं. इस रेल दुर्घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया, लेकिन क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया कि इतनी भारी गाड़ी जब पटरी से उतरती है तो कैसे इसे ट्रेक पर लाया जाता है? आइए जानते हैं. 


ट्रेन को पटरी पर ऐसे लाते हैं
ट्रेन को पूरी ताकत के साथ बाइक की तरह उठाकर तो एक जगह से दूसरी जगह रख नहीं सकते और न ट्रेन कार की तरह होती है, जिसे किसी मशीन की मदद से बांधकर एक जगह से दूसरी जगह रख दिया जाए. ट्रेन के लिए न लोगों के बल की जरूरत होती और न ही किसी मशीन की. इसके डिब्बे इतने भारी होते हैं कि इन्हें पटरी पर चढ़ाने के लिए एक तरकीब का इस्तेमाल होता है. 


इस ट्रिक का होता है इस्तेमाल
पटरी से उतर चुकी ट्रेन को पटरी पर चढ़ाने के लिए ट्रैक पर लाने के लिए प्लास्टिक के दो बड़े प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया जाता हैं. इन प्लेटफॉर्म के माध्मय से पहले इंजन को पटरी पर चढ़ाते हैं. इसके पीछे ट्रेन के बोगियां बंधी होती हैं, जिन्हें बारी-बारी से ट्रैक पर चढ़ता जाता है.


ट्रेन के डिब्बे रेलवे ट्रैक के बराबर में ही होते हैं, जैसे ही इनके पहिए इस प्लास्टिक के प्लेटफॉर्म पर चढ़ते हैं तो पूरी बोगी पटरी  पर आ जाती है. वाकई में प्लास्टिक के केवल इन दो टुकड़ों के दम पर पूरी ट्रेन को पटरी पर लाना बहुत दिलचस्प और हैरान कर देने वाली प्रक्रिया है.