नई दिल्ली: Professor Salary: देश के युवाओं को भविष्य कहा जाता है. इस भविष्य को संवारने का काम शिक्षकों के कंधों पर होता है. कॉलेज में पढ़ाने वाले शिक्षकों को प्रोफेसर कहा जाता है. क्या आप जानते हैं विश्विद्यालयों में पढ़ाने वाले प्रोफेसर्स को हर महीने लाखों रुपये मिलते हैं. इसके अलावा सवाल ये भी है कि इतनी सैलरी वाली नौकरी पाने के लिए क्या करना होता.


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कितनी होती है प्रोफेसर की सैलरी (Professor Salary)
प्रोफेसर की सैलरी की उनके ग्रेड के हिसाब होता है. दरअसल, पहले ये जान लीजिए कि प्रोफसर भी तीन प्रकार के होते हैं. असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफसर और प्रोफेसर. इनके आधार पर पे लेवल होता है. ये लेवल 10 से लेकर 15 A तक होते हैं.  योग्यता और अनुभव के आधार पर सैलरी दी जाती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, असिस्टेंट प्रोफेसर को एंट्री लेवल 57,000 से 67,000 रुपये तक सैलरी मिलती है. वहीं प्रोफेसर लेवल की एंट्री पर सैलरी एक लाख रुपये प्रति महीने से अधिक होती है. लेवल 15 के साथ राशनलाइज्ड इंट्री पर शुरुआती सैलरी 1,82,200 रुपये है. 


कैसे बन सकते हैं प्रोफेसर
प्रोफेसर बनने के लिए विषय ज्यादा जरूरी नहीं है. बल्कि पढ़ाई और हायर एजुकेशन जरूरी है. इसके लिए मनपसंद विषय से ग्रेजुएशन किया जा सकता है. इसके बाद उस विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन करें. सबसे जरूरी है, यूजीसी नेट की परीक्षा पास करना. पोस्ट ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर में यह परीक्षा दी जा सकती है. हर साल दो बार इस परीक्षा का आयोजन होता है. 


देश में जिन स्थानों पर प्रोफेसर की भर्ती होती, लगभग सभी वैंकेसी में नेट की योग्यता मांगी जाती है. इसके अलावा एमफिल और पीएचडी करके भी सीधा प्रोफेसर बना जा सकता है. अगर आप नेट पास नहीं हैं और एमफिल के संग पीएचडी हैं, तो प्रोफेसर बनने के योग्य हैं. समय-समय पर विभिन्न विश्वविद्यालय इन पदों के लिए आवेदन निकालते हैं. इंटरव्यू पास करके कोई भी प्रोफेसर बन सकता है.