Success Story: आपने अब तक कई सक्सेस स्टोरीज देखी और सुनी होंगी. ये कहानियां किसी को भी आगे बढ़ने का हौसला देती हैं. मुश्किल हालतों से डटकर लड़ने की हिम्मत देती है. वहीं कुछ सफलता की कहानियां ऐसी होती हैं जो आपको अंदर तक झकझोर देती है. ऐसी कहानियां पढ़कर आपकी आंखें खुद-ब-खुद मन हो जाती हैं. आज हम आपके लिए एक ऐसी ही सक्सेस स्टोरी लेकर आए हैं. आइए जानते हैं क्या है पूरी कहानी...


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प्रज्वल के पिता लांस नायक कृष्णजी समरित कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे. उस वक्त उनके बेटे प्रज्वल ने इस दुनिया में कदम भी नहीं रखा था. पिता के शहादत के 45 दिन बाद प्रज्वल का जन्म हुआ. उनके माता-पिता दोनों का ही यह सपना था कि उनके बच्चे भी आर्मी जॉइन करें. अब अपने पिता की शहादत के वर्षों बाद प्रज्वल ने सेना में अधिकारी बनकर अपने उनका ये सपना साकार किया. 


आर्मी ऑफिसर बनने के लिए ठुकरा दिए दूसरे बड़े ऑफर


प्रज्वल का आर्मी में अधिकारी बनने का सफर इतना आसान नहीं था. उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन के दम पर अपना लक्ष्य पाया है. बता दें के प्रज्वल के बड़े भाई कुनाल ने इंजीनियरिंग की है. ऐसे में प्रज्वल ने पिता के सपने को पूरा करने का फैसला किया. हालांकि, प्रज्वल ने कैट भी क्वालीफाई कर लिया था और उनके पास आईआईएस इंदौर और कोझिकोड का ऑफर भी था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया.


छोटे बेटे ने पूरा किया ख्वाब


प्रज्वल की मां सविता ने बताया कि उनके पति चाहते थे कि उनका बड़ा बेटा सेना में अधिकारी बनें, लेकिन बड़े बेटे के इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाने के बाद उनकी उम्मीदें छोटे बेटे प्रज्वल पर टिकी थीं, जिसे उसने पूरा किया. प्रज्वल ने 9 बार एसएसबी का इंटरव्यू दिया और यह उनकी आखिरी कोशिश थी.  इस बार के लिए प्रज्वल ने खूब मेहनत की और जो कमियां उन्हें दूर किया. अब प्रज्वल इंडियन मिलिट्री एकेडमी में जेंटलमेन कैडेट के तौर पर शामिल होंगे.