Scholarship: 10वीं पास गरीब मेधावी छात्रों को नहीं होना होगा डिग्री लेने तक परेशान, ऐसे मिलेगी आर्थिक मदद करेगी
Vidyadhan Scholarship: गरीब मेधावी स्टूडेंट्स के लिए शिक्षा मंत्रालय ने विद्याधन छात्रवृत्ति की शुरुआत की है. ऐसे स्टूडेंट्स जिन्होंने मैट्रिक 2022 में 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक हासिल किए हैं, उन्हें स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी. यहां विस्तार से इस छात्रवृत्ति प्रोग्राम के बारे में जानें...
Vidyadhan Scholarship 10th Pass Students: ऐसे स्टूडेंट्स जो अपनी पढ़ाई के दम पर कुछ करने की चाहत रखते हैं, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति उनकी राह में रोड़ा बन रही है. ऐसे छात्र-छात्राओं के लिए बेहद शानदार खबर है. गरीब मेधावी स्टूडेंट्स के लिए शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने विद्याधन छात्रवृत्ति (Vidyadhan Scholarship) की शुरुआत की है. ऐसे में स्कॉलरशिप (Scholarship) लेने के इच्छुक स्टूडेंट्स इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं.
आपको बता दें कि शिक्षा मंत्रालय की इस छात्रवृत्ति योजना में मैट्रिक पास स्टूडेंट्स सम्मिलित हो सकेंगे. ऐसे स्टूडेंट्स जिन्होंने मैट्रिक 2022 में 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक हासिल किए हैं, उन्हें स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी. शिक्षा मंत्रालय ने विद्याधन छात्रवृत्ति के लिए कुछ शर्ते रखी हैं. यहां हम आपको इस छात्रवृत्ति के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.
ये होनी चाहिए योग्यता
1.विद्याधन छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन वाले स्टूडेंट्स को अपनी मैट्रिक की मार्कशीट देनी होगी.
2.ऐसे स्टूडेंट्स जिनकी पारिवारिक आय दो लाख रुपये से कम होगी, वो इस छात्रवृत्ति को लेने के हकदार होंगे.
जानें कितनी दी जाएगी छात्रवृत्ति
विद्याधन छात्रवृत्ति के लिए चयनित स्टूडेंट्स को आर्थिक मदद के तौर पर 10 हजार रुपये सालाना प्रदान किए जाएंगे. वहीं, अगर स्टूडेंट्स इंटर में भी अच्छी की परफॉर्मेंस देते हैं तो डिग्री कोर्स में भी सालाना 10 से 60 हजार रुपये तक की छात्रवृत्ति आगे भी प्रदान की जाएगी.
ऑनलाइन आवेदन की लास्ट डेट
छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की आखिरी तारीख 15 अक्टूबर 2022 है.
पैसों का अभाव पढ़ाई में न बने रुकावट
पटना डीईओ अमित कुमार के मुताबिक, "आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के मेधावी स्टूडेंट्स के लिए विद्याधन स्कॉलरशिप प्रोग्राम 2022 की शुरुआत की गई है. इसका मकसद मेधावी छात्रों का पंचायत और प्रखंड स्तर पर चयन करना है, जिससे पैसे के अभाव में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो."