नई दिल्ली: लंदन (London) के नेहरू सेंटर में मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय वेबिनार (International Webinar) आयोजित किया गया था. इस वेबिनार में भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New Education Policy) पर चर्चा की गई थी. इस वेबिनार में भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्री (Education Minister) रमेश पोखरियाल निशंक भी शामिल हुए थे. साथ ही इंग्लैंड के पूर्व मंत्री जो जॉनसन भी इस वेबिनार का हिस्सा बने थे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस वेबिनार (Webinar) में भारत की नई शिक्षा नीति (New Education Policy) को लेकर काफी विस्तार से चर्चा की गई थी. वेबिनार में शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा कि कोरोना महामारी (Coronavirus) के दौरान चुनौतियों को अवसर में बदलते हुए यह नीति बनाई गई है.


नई शिक्षा नीति से भारत को मिलेगा नया आयाम


रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि इस नीति को प्रधानमंत्री (Prime Minister) से लेकर ग्राम प्रधान तक के सुझावों से लाया गया है. सभी चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक बहुत ही व्यवस्थित और संगठित प्रयास किया गया है. इससे उच्च शिक्षा परिस्थिति के तंत्र के समग्र पुनर्गठन को नए भारत की जरूरतों के अनुरूप बनाया जा सकेगा.


शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति (New Education Policy) 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने के लिए छात्रों को सक्षम करेगी. इसकी मदद से अपनी शिक्षा को अधिक अनुभवात्मक, समग्र और सुखद बना सकेंगे.


यह भी पढ़ें- CBSE Board Exams 2021 में पास होने के लिए घटाया गया Cut Off Percentage! Fact Check में जानें सच


आत्मनिर्भरता बढ़ाएगी नई शिक्षा नीति


शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति (New Education Policy) का विजन भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए नए आयाम स्थापित करना और उन्हें साकार करना है. यह नीति नया भारत बनाने की दिशा में उच्च शिक्षण संस्थानों (Higher Educational Institutions) एवं विश्वविद्यालयों (Universities) को उनकी भूमिका फिर से परिभाषित करने की आजादी प्रदान करेगी. नई नीति के प्रस्तावों को देखते हुए हमारे विश्वविद्यालयों की पुन: कल्पना करने का यह सबसे अच्छा समय है. 


उन्होंने आगे कहा कि अर्थव्यवस्था (Economy) सहित सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता का रास्ता शिक्षा और शिक्षा नीति से होकर ही गुजरता है.


शिक्षा से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें