नई दिल्ली. सीबीआई और सीआईडी के बारे में आम-खास सब लोग जानते हैं. लेकिन बहुत सारे लोग इस बात को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं कि आखिर दोनों के कार्य क्या होते हैं. तो आइए हम आपको यहां बताते हैं कि दोनों के कार्य क्या होते हैं और दोनों में अंतर क्या होता है...


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क्या होता है CBI
CBI का पूरा नाम Central Bureau of Investigation होता है. जिसे हिंदी में केंद्रीय जांच ब्यूरो के नाम से जाना जाता है. यह पूरे भारत की जांच एजेंसी है. देश और विदेश स्तर पर होने वाले अपराधों जैसे हत्या, घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों और राष्ट्रीय हितों से संबंधित अपराधों की भारत सरकार की तरफ से जांच करती है. 


1963 में हुई थी स्थापना
सीबीआई की स्थापना 1963 में हुई थी. भारत सरकार राज्य सरकार की सहमति से किसी भी अपराधिक मामले की जांच करने कि जिम्मेदारी CBI को देती है. केंद्र सरकार उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय की सहमति के बिना ही इससे किसी भी मुद्दे पर जांच करा सकती है.


CID क्या है
CID का पूरा नाम Crime Investigation Department होता है. यह एक ऐसी जांच एजेंसी है जो केवल राज्य स्तर के अपराधिक मामलों की जांच करती है यानी राज्य में किसी भी जगह जो भी दंगे, हत्या, अपहरण, चोरी के मामले होते हैं, उनकी जांच की जिम्मेदारी CID की होती है. सीआईडी एक राज्य में पुलिस का जांच और खुफिया विभाग होता है.


इसकी स्थापना अंग्रेजों के समय यानी पुलिस आयोग की सिफारिश पर ब्रिटिश सरकार ने 1902 में की थी. हर राज्य की अलग अलग सीआईडी जांच एजेंसी होती है, जिनके संचालन का अधिकार राज्य की सरकार या राज्य के हाई कोर्ट के पास होता है. राज्य सरकार या फिर हाई कोर्ट राज्य के किसी अपराधिक मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी सीआईडी को सौंपती है.


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CID और CBI में अंतर
CID जांच एजेंसी का काम करने का क्षेत्र एक राज्य होता है जबकि CBI के काम करने का क्षेत्र पूरा भारत और विदेश तक होता है.
जांच एजेंसी सीआईडी के पास जो भी अपराधिक मामले आते हैं, उनकी जिम्मेदारी राज्य सरकार और हाईकोर्ट सौंपती है. जबकि सीबीआई के पास जो अपराधिक मामले आते हैं उनके जांच की जिम्मेदारी केंद्र सरकार और हाई कोर्ट, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सौपीं जाती है.


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