Bollywood Retro: दिवंगत लीजेंडरी अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) अपने आप में एक अभिनय संस्थान थे. कोई भी अभिनेता उनके साथ स्क्रीन शेयर करना अपनी खुशकिस्मती मानता था. हालांकि, एक समय ऐसा भी था, जब उनकी एक फिल्म को तीन बड़े सुपरस्टार्स ने ठुकरा दिया था. इन तीनों सुपरस्टार्स के फिल्म को ठुकराने के बाद फिल्म अनिल कपूर (Anil Kapoor) की झोली में आकर गिरी थी और इससे उनकी किस्मत खुल गई थी. 


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1984 की एक्शन ड्रामा 'मशाल' (Mashaal) साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक थी. यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित 'मशाल' को इसकी कहानी और मुख्य कलाकारों के प्रदर्शन के लिए सराहा गया था. सड़क पर अपनी घायल पत्नी (वहीदा रहमान द्वारा अभिनीत) के लिए लोगों से मदद मांगते हुए और 'ऐ भाई कोई है' चिल्लाते हुए दिलीप कुमार का दृश्य आज भी भारतीय सिनेमा में सबसे हृदयविदारक क्षणों में से एक माना जाता है.



अनिल कपूर नहीं थे फिल्म के लिए पहली पसंद
दिलीप कुमार के अलावा इस फिल्म में राजा के रूप में अनिल कपूर के सपोर्टिंग रोल ने जनता और आलोचकों से प्रशंसा हासिल की थी. दिलीप कुमार के साथ स्क्रीन स्पेस साझा करने के बावजूद अनिल कपूर इस फिल्म में अपना प्रभाव छोड़ने में कामयाब रहे थे. 'मशाल' को अनिल कपूर के करियर की शानदार फिल्मों में से एक माना जाता है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अनिल कपूर इस भूमिका के लिए पहली पसंद नहीं थे.


अमिताभ, सनी और कमल हासन ने ठुकराया रोल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लेखक जावेद अख्तर ने फिल्म में 'राजा' का किरदार अमिताभ बच्चन को ध्यान में रखकर लिखा था. अमिताभ को भूमिका की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इसके लिए मना कर दिया. बाद में, सनी देओल को उसी भूमिका के लिए संपर्क किया गया, लेकिन कथित तौर पर उन्होंने यह कहते हुए भूमिका को अस्वीकार कर दिया कि वह इंडस्ट्री में नए थे और अभिनय के दिग्गज दिलीप कुमार के साथ स्क्रीन स्पेस साझा करने को लेकर अनिश्चित थे. अमिताभ और सनी के बाद निर्माताओं ने कथित तौर पर इसी भूमिका के लिए कमल हासन से संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने भी अपने शेड्यूल के मुद्दे के कारण फिल्म को अस्वीकार कर दिया.



'मशाल' में अनिल कपूर ने किया सपोर्टिंग रोल
तीन सुपरस्टारों द्वारा 'मशाल' को अस्वीकार करने के बाद यश चोपड़ा एक उपयुक्त अभिनेता की तलाश में थे, जो राजा का किरदार कुशलता से निभा सके. कथित तौर पर जावेद अख्तर की पत्नी अभिनेत्री शबाना आजमी ने निर्माताओं को अनिल के नाम की सिफारिश की थी. अनिल भी बॉलीवुड में नए थे और उन्होंने 'वो 7 दिन' (1983) से डेब्यू किया था. फिर भी, अभिनेता फिल्म करने के लिए सहमत हो गए और यह उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गया.