Amitabh Bachchan Diwali: फिल्मों में कुछ बातें, कुछ दृश्य इतने यादगार बन जाते हैं कि लोगों की स्मृति में शामिल हो जाते हैं. होली आती है, तो लोगों को 1975 में आई फिल्म शोले (Film Sholay) याद आ जाती है. गब्बर की क्रूरता याद आ जाती है. याद आता है कि गब्बर का गांव वालों से बदला लेने के लिए यह पूछना कि होली कब हैॽ लेकिन क्या आपने वह शोले देखी है, जिसमें गब्बर ने अपने आदमियों से पूछा था कि दिवाली कब हैॽ असल में निर्माता-निर्देशक राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) की इस शोले को आए हुए 16 साल हो रहे हैं, लेकिन लोग या तो उसे पूरी तरह से भूल चुके हैं या फिर उनके करियर की सबसे खराब फिल्म के रूप में याद करते हैं. रोचक तथ्य यह है कि शोले में नायक की भूमिका निभाने वाले अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) राम गोपाल वर्मा की इस फिल्म में खलनायक बने थे.


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रामगढ़ की होली
राम गोपाल वर्मा की आग (Ram Gopal Varma Ki Aag) साल 2007 में रिलीज हुई थी. यह पूरी तरह से शोले की कहानी थी, जिसे उन्होंने अपने अंदाज में बनाया था. लेकिन फिल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से पिटी, बल्कि शोले जैसी क्लासिक फिल्म का रीमेक करके उसे बिगाड़ने के लिए भी उनकी खूब आलोचना हुई. वर्मा ने अपने हिसाब से शोले किरदारों, घटनाओं, संवादों में अपने हिसाब से तोड़-मरोड़ की. यहीं उन्होंने शोले के प्रसिद्ध होली संवाद और दृश्य को दिवाली में बदल डाला. शोले (1975) में गब्बर सिंह (अमजद खान) ने रामगढ़ के लोगों पर हमला करने से पहले पूछा था कि होली कब है... कब है होलीॽ लेकिन इसकी बदनाम रीमेक में राम गोपाल वर्मा ने होली को दिवाली कर दिया.



कालीगंज की दिवाली
शोले में जैसे होली के दिन गब्बर रामगढ़ पर हमला करता है, वैसे ही राम गोपाल वर्मा की आग में गब्बर की जगह बब्बन सिंह बने अमिताभ अपने लोगों से पूछते हैं, ‘दीवाली कब हैॽ कब है दीवालीॽ’ राम गोपाल वर्मा की आग में रामगढ़ का नाम कालीगंज है. शोले में होली पर गब्बर का हमला कहानी का टर्निंग पॉइंट है, जहां जय-वीरू (अमिताभ बच्चन-धर्मेंद्र) को पता चलता है कि गब्बर से लड़ने के लिए उन्हें बुलाने वाले ठाकुर (संजीव कुमार) के हाथ नहीं हैं. जबकि राम गोपाल वर्मा की आग में दीवाली कहानी को कोई खास मोड़ नहीं देती. रामू ने दीवाली के रोशनी वाले त्यौहार को काले और मनहूस अंदाज में फिल्माया है. लोगों को यह बात बहुत बुरी लगी. उनकी फिल्म में दीवाली की रात में बब्बन सिंह के आदमी कालीगंज पर हमला करते हैं. फिल्म की तीखी आलोचना के बाद अमिताभ बच्चन ने माना था कि यह फिल्म करके उन्होंने गलती की है.