नई दिल्ली: नब्बे के दशक में इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री से लेकर दुनिया भर में अपने पंजाबी गानों से धूम मचाने वाले सिंगर दलेर मेहंदी के बारे में यह जानकार शायद आपको भी अचरज होगा कि इनका नाम एक डाकू के नाम पर पड़ा था. फिर आगे जाकर दलेर ने अपने नाम के आगे मेहंदी सरनेम लगाया यह भी किसी से प्ररित होकर ही लिया गया. अपनी फोक सिंगिंग में पॉप का तड़का लगाकर छा जाने वाले दलेर ने आज बीजेपी का दामन थाम लिया है. 


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दलेर का जन्म बिहार के पटना में हुआ, उनके पेरेंट्स ने उस दौर के खूंखार 'डाकू दलेर सिंह' से प्रभावित होकर अपने बेटे का नाम 'दलेर सिंह' रख दिया था. दलेर जब थोड़े बड़े हुए तो उन्होंने उस वक्त फेमस सिंगर 'परवेज मेहंदी' से प्रभावित होकर अपने नाम से सिंह हटाकर मेहंदी सरनेम लगा लिया. 



एक इंटरव्यू में दलेर ने बताया था कि जब वह 11 साल के थे तब सिंगिंग के शौक के चलते लिए घर से भागकर गोरखपुर चले गए थे. वहां उस्ताद राहत अली खान साहिब के पास उन्होंने संगीत की प्रॉपर ट्रेनिंग ली. हालांकि दलेर को जन्म से ही संगीतमय माहौल मिला था. इसके दो साल बाद मात्र 13 साल की उम्र में दलेर मेहंदी ने जौनपुर में 20 हजार लोगों के सामने पहली बार स्टेज परफॉर्मेंस दी थी.



बता दें कि मशहूर पंजाबी गायक दलेर मेहंदी दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी और केंद्रीय मंत्री विजय गोयल की मौजूदगी में शुक्रवार (26 अप्रैल) को दिल्ली कार्यालय में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. इस दौरान उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट से बीजेपी उम्मीदवार हंस राज हंस, केंद्रीय मंत्री और चांदनी चौक से उम्मीदवार हर्ष वर्धन तथा पार्टी के अन्य नेता भी इस मौके पर मौजूद थे. 


बीजेपी से पहले वह कांग्रेस के सदस्य भी रह चुके हैं. साल 2013 में अगस्त माह में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की मौजूदगी में दलेर मेहंदी ने कांग्रेस में शामिल हुए थे. इतना ही नहीं साल 2014 के दिल्ली में विधानसभा चुनाव में दलेर मेहंदी ने कांग्रेस के लिए गाना गाया था. 


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