बॉलीवुड में 'सीरियल किसर' कहे जाने वाले इमरान हाशमी ने बीते सालों में कई अलग-अलग रोल निभाए हैं. सिर्फ हीरो ही नहीं बल्कि विलेन के रूप में भी उन्हें दर्शकों ने पसंद किया है. हाल में ही वह सारा अली खान के साथ 'ए वतन मेरे वतन' में डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के रोल में नजर आए हैं. इस सिलसिले में इमरान हाशमी ने 'जी न्यूज' के साथ खास इंटरव्यू में ढेर सारे विषयों पर बातचीत की. जहां उन्होंने अपनी पहली सैलरी से लुक्स तक को लेकर रिएक्ट किया. पढ़िए ये खास इंटरव्यू.


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फिल्मों की मार्केटिंग पर
- मैं इस बारे में तो यही कहूंगा कि फिल्ममेकिंग बहुत बड़ा पार्ट है. जब हम फिल्मों में आते हैं तो सबसे बड़ा पैशन होता है एक्टिंग करना. शुरुआती दौर में मैं मार्केटिंग को इतना एन्जॉय नहीं करता था. लेकिन ये बाजार है. फिल्मों को घर-घर तक पहुंचाना भी एक जरूरी हिस्सा है. साल 2015 के बाद से मार्केटिंग बहुत ही अग्रेसिवली की जाने लगी है. अब सब एक्टर इस चीज पर भी फोकस करते हैं. अब मैं कई साल बाद इस चीज को आसानी से कर पाता हूं.


राममनोहर लोहिया का रोल ऑफर करते हुए करण जौहर ने क्या कहा?



जब ये रोल मुझे ऑफर हुआ तो मैंने सबसे पहले यही सोचा कि मैं ही क्यों? तब करण जौहर ने मुझे बोला कि मैं कर सकता हूं. वह मेरे काम को जानते हैं. उन्हें मेरी रेंज पता है. हर डायरेक्टर की एक नजर होती है कि कलाकार कैसा काम करते हैं और किसी क्या काबिलियत है. इसी तरह करण जौहर को लगता था कि डॉक्टर राम मनोहर लोहिया का किरदार मैं निभा सकता हूं. इंडस्ट्री में मुझे लेकर ये परसेप्शन बना है कि डायरेक्टर व प्रोड्यूसर मुझपर विश्वास करते हैं. मुझे बस ये डर था कि मैं इसे अच्छे से निभा सकूंगा कि नहीं. लेकिन हमारी टीम का बहुत ही अच्छा सपोर्ट था. अच्छे से सब कुछ हुआ और अच्छा रिस्पॉन्स भी मिल रहा है.


कैसा रिस्पॉन्स मिला?


लोगों ने डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के किरदार को पसंद किया है. उन्हें मेरा लुक अच्छा लगता है.  इस रोल के लिए मुझे ये तारीफ मिली कि मैंने अपने कैटलॉक में ऐसा रोल चुना, जो अब तक मैंने नहीं किया था. सब जानते हैं कि इस तरह के रोल को निभाना चुनौतीपूर्ण होता है. बॉडी लैंग्वेज से लेकर डायलॉग डिलीवरी तक, सब पर काफी मेहनत करनी पड़ती है.


'ए वतन मेरे वतन' में सारा अली खान की परफॉर्मेंस पर क्या कहेंगे?
मुझे सारा अली खान की परफॉर्मेंस बहुत अच्छा लगी. उन्होंने बिल्कुल स्ट्रेट अदाकारी की थी. जहां जितनी जरूरत थी उतनी मेहनत डाली गई. उन्होंने 'ए वतन मेरे वतन' में ऊषा मेहता का रोल प्ले किया. डायलॉग डिलीवरी और बॉडी लैंग्वेज उनकी काबिल-ए-तारीफ थी.


बार-बार किसिंग के सवाल किए जाते हैं तो क्या बुरा लगता है?
कई बार इंटरव्यू लेने वाला सोचता है कि किसिंग के बारे में पूछेंगे तो हैडलाइन बन सकती हैं. मगर मेरी ऑडियंस मेरी वर्सेटिलिटी के बारे में जानती है. मुझे बुरा भी नहीं लगता कि लोग किसिंग को लेकर मुझसे सवाल करते हैं या मुझे लेकर तरह तरह के नाम रखते है.


'मैं इमेज को लेकर काम नहीं करता हूं'
जब स्क्रिप्ट आपके पास आती है. तो सबसे पहला फोकस कहानी व किरदार पर होता है. ये दोनों चीजें जब आपको पसंद आ जाए तो आप उस फिल्म को साइन कर लेते हैं. दूसरे एक्टर क्या करते हैं मुझे नहीं पता लेकिन मैं इमेज को लेकर काम नहीं करता. मैं सिर्फ कहानी और डायरेक्टर के विजन पर काम करता हूं.


फैमिली में उड़ाया जाता था मजाक
मेरी फैमिली में जोक हुआ करता था कि मैं ट्रेडिशनल हीरो की तरह नहीं दिखता हूं. एक हीरो की क्लियर कट डिफाइनिंग लुक होती है, मैं उसमें शायद फिट नहीं बैठता था. वही एक चीज थी कि मुझे लगता था कि मैं शायद लुक में थोड़ा खुद को कमतर समझता था. लेकिन वो भी डर नहीं था सिर्फ एक ओपिनियन था शुरुआती समय में.


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'मेरा मजाक उड़ाया और फिर मेरे घर आया डायरेक्टर बनने के लिए'



एक क्रिटिक ने मुझे लेकर कमेंट किया था. कभी कभी क्रिटिक पर्सनल हो जाते हैं. मगर दो साल बाद वो क्रिटिक मेरे पास आए थे मेरे घर. डायरेक्टर बनना चाहते थे. ऐसी ही इंडस्ट्री है कि पहले आपकी आलोचना करती है फिर समय बदला तो मेरे साथ काम करना चाहता था.


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इमरान हाशमी का पहला चेक
इमरान हाशमी ने अपने फेवरेट को-स्टार में विद्या बालन और अजय देवगन का नाम लिया. तो वहीं अपने पहले चेक के बारे में भी रिवील किया. उन्होंने बताया कि उनकी पहली कमाई 2500 रुपये थी.