`मैं कभी नहीं बनाता...` फरहान अख्तर को नहीं पसंद रणबीर कपूर की ये फिल्म; बोले- `उनका रोल प्रॉब्लमैटिक...`
Farhan Akhtar: हाल ही में एक्टर-डायरेक्टर फरहान अख्तर ने रणबीर कपूर की पिछले साल रिलीज हुई फिल्म को लेकर बात की और ये माना कि उनको वो फिल्म बिल्कुल पसंद नहीं आई और वो इस तरह की फिल्म कभी नहीं बनाते. इतना ही नहीं, उन्होंने फिल्म में रणबीर कपूर के रोल को `प्रॉब्लमैटिक` भी बताया. चलिए जानते हैं क्या बोले एक्टर?
Farhan Akhtar On Ranbir Kapoor Movie: एक्टर और फिल्म निर्माता फरहान अख्तर ने हाल ही में पिछले साल 2023 की रिलीज हुई रणबीर कपूर और संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म 'एनिमल' को लेकर बात की. फिल्म में रणबीर के साथ रश्मिका मंदाना, अनिल कपूर, बॉबी देओल और तृप्ति डिमरी जैसे कलाकार नजर आए थे. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई की थी. फिल्म को दर्शकों का मिक्स रिएक्शन दिया था. इस फिल्म को लेकर काफी विवाद भी हुआ था. फिल्म में रणबीर के किरदार को काफी ट्रोल किया गया था.
फरहान अख्तर ने माना कि फिल्म उन्हें पसंद नहीं आई और उन्होंने रणबीर के किरदार को 'प्रॉब्लमैटिक' बताया. फेय डिसूजा के साथ एक इंटरव्यू में फरहान ने कहा, 'फिल्म ने मेरे लिए कुछ खास नहीं किया. क्या ये ऐसी चीज है जिसे मैं किसी को देखने की सलाह दूंगा, मुझे नहीं लगता'. जब उनसे पूछा गया, 'क्या उन्हें 'एनिमल' को प्रोड्यूस करने का मौका मिलेगा तो वो क्या करेंगे'? तो उन्होंने जवाब दिया, 'नहीं, मैं नहीं करूंगा. ये मेरे साथ तालमेल नहीं बिठाता. मेरे लिए, मुझे लगता है कि ये किरदार प्रॉब्लमैटिक है'.
फरहान कभी नहीं बनाना चाहेंगे 'एनिमल' जैसी फिल्म
फरहान अख्तर ने इससे पहले यूट्यूबर राज शमनी के साथ एक इंटरव्यू के दौरान मॉर्डन सिनेमा में 'अल्फा मेल' किरदारों के राइस पर अपनी बात रखी थी. जब उनसे रणबीर कपूर की 'एनिमल' के बारे में उनकी राय पूछी गई थी और ये उनकी अपनी फिल्मों जैसे ‘दिल धड़कने दो’ और ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ में मेल कैरेक्टर्स के स्क्रीनिंग से कैसे तुलना करती है? फरहान ने कहा था, 'मैं नहीं मानता कि कुछ चीजें नहीं दिखाई जानी चाहिए. हम ऐसे एरिया में हैं, जहां अगर कोई मुझसे कहता है, 'आप इस तरह की फिल्म नहीं बना सकते'.
'और ऐसा करना खतरनाक है...'
उन्होंने आगे कहा, 'तो मैं उनसे कहूंगा, 'आप कौन होते हैं मुझे ये बताने वाले कि मुझे क्या बनाना चाहिए और क्या नहीं?' मुझे इस देश के कानून द्वारा अनुमति दी गई है और मुझे आर्टिस्टिक एक्सप्रेशन की स्वतंत्रता है कि मैं जो चाहूं कह सकता हूं. दर्शक क्या सुनना चाहते हैं, ये वे तय करेंगे. मैं कभी किसी फिल्म निर्माता या लेखक या किसी से नहीं कहूंगा, 'यार इसे मत बनाओ' या 'इस तरह की फिल्म नहीं बनाई जा सकती'. हर किसी का अपना-अपना विचार होता है, क्योंकि मुझे नहीं लगता कि ये सही है और ऐसा करना खतरनाक है'.