साल 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान के हाईजैक की घटना ने हर किसी को हिलाकर रख दिया था. आजकल इस अपहरण की घटना की चर्चा इसलिए तेज है क्योंकि इस पर आधारित वेब सीरीज आई है जिसका नाम है ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’, जिसे अनुभव सिन्हा ने डायरेक्ट किया है और विजय वर्मा, नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर से लेकर दिया मिर्जा जैसे सेलेब्स हैं. मगर सीरीज को लेकर काफी विवाद हुआ. कुछ ने आरोप लगाया कि मेकर्स ने कुछ चीजें गलत दिखाई हैं. मगर अब उस घटना के पीड़ितों ने सामने आकर बयान दिए हैं. उन्होंने मेकर्स का सपोर्ट किया और कहा कि सीरीज में दिखाई गई चीजें सच हैं.


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एक पीड़ित ने बुधवार को कहा कि ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ को लेकर ‘‘अनावश्यक’’ विवाद हो रहा है. पीड़िता का नाम पूजा कटारिया हैं जो उस विमान में मौजूद थीं. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इसे देखा है. जो विवाद हो रहा है वह अनावश्यक है. ऐसा कुछ नहीं है. सीरीज में सच्ची घटना दिखाई गई है और उन्होंने (अपहरणकर्ताओं ने) कोड नाम रखे थे और वे एक दूसरे से उन्हीं नामों से बात कर रहे थे. कटारिया घटना के वक्त काठमांडू से हनीमून से लौट रही थीं.



आतंकवादी ने खेली थी अंताक्षरी
उन्होंने कहा, मुझे याद है कि जिस हाईजैकर्स का कोड नाम ‘बर्गर’ था, उसने यात्रियों से बात की, अंताक्षरी खेली और जब उसे पता चला कि उस दिन मेरा जन्मदिन है तो उसने मुझे गिफ्ट में एक शॉल भी तोहफे में दिया. उन्होंने कहा, ‘‘वह लोगों के साथ बड़े दोस्ताना तरीके से पेश आ रहा था क्योंकि कई लोगों को घबराहट के कारण दौरे पड़ रहे थे। उसने ‘अंताक्षरी’ भी खेली।’’


क्या थे हाईजैकर्स के असली नाम और कोडनेम
विवादों में आई इस वेब सीरीज को लेकर कई लोगों ने दावा किया कि फिल्मकार ने खास समुदाय से आने वाले आतंकवादियों को कथित रूप से बचाने के लिए अपहरणकर्ताओं के नाम बदलकर ‘शंकर’, और ‘भोला’ रखे. अपहरणकर्ताओं के वास्तविक नाम इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर सईद, सनी अहमद काजी, जहूर मिस्त्री और शाकिर थे. हालांकि सीरीज में आतंकवादियों के कोड नाम ‘भोला’, ‘शंकर’, ‘डॉक्टर’ और ‘चीफ’ का इस्तेमाल किया गया है.


विक्टिम आए सपोर्ट में
दबाव में नेटफ्लिक्स इंडिया ने मंगलवार को कहा कि उसने अपहरणकर्ताओं के वास्तविक और कोड नाम को शामिल किया है. कटारिया (47) ने उस भयावह घटना को याद करते हुए कहा कि अपहरणकर्ता एक दूसरे को कोड नाम से ही संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सीरीज में बिल्कुल सच्ची घटना दिखाई गई है. सचाई दिखाई गई है. इसमें कोई विवाद नहीं होना चाहिए.


दहशत में थे एक एक पैसेंजर
उन्होंने उस मनहूस दिन को याद कर कहा, ‘‘सभी दहशत में थे और हम यही सोच रहे थे हम सब मारे जाएंगे. हम नहीं जानते थे कि बाहर क्या हो रहा है. दो दिन तक हमें अपना सिर नीचे करके रखने को कहा गया था. हम आठ दिन आतंक के हालात में रहे. जब हम बाहर आए, तब हमें एहसास हुआ कि क्या हुआ था.’’


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आतंकवादी ने पैसेंजर को दिया था गिफ्ट, कहा था बहन


उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग हनीमून के बाद काठमांडू से लौट रहे थे और उस दिन मेरा जन्मदिन भी था.’’ पूजा कटारिया ने कहा, ‘‘जब मैंने अपहरणकर्ता से कहा कि आज मेरा जन्मदिन है, हमें यहां से वे जाने दें तो उसने कहा कि हम आपका जन्मदिन यहीं मनाएंगे. ‘बर्गर’ ने मुझे एक शॉल तोहफे में दी जिस पर लिखा था - मेरी प्यारी बहन और उसके खूबसूरत पति के लिए.’’ उन्होंने वह शॉल भी दिखाई जिस पर बर्गर ने हस्ताक्षर भी किए थे.


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