नई दिल्ली: मुंबई के कोकिलाबेन अस्तपाल से बुधवार की सुबह एक खबर आई और पूरे हिंदुस्तान का दिल बैठ गया. अपने लाखों फैंस के दिल पर राज करने वाले एक्टर इरफान खान (‌Irfan Khan) चले गए और अपने पीछे बेपनाह फैंस के टूटे हुए दिल छोड़ गए. इरफान खान ने जिंदगी के हर मोड़ पर संघर्ष किया और साबित किया अगर संघर्ष पूरी इमानदारी से किया जाए तो जीत जरूर मिलती है.


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राजस्थान से निकले इरफान ने टीवी से शुरुआत करके बॉलीवुड पर राज किया और हॉलीवुड तक अपनी पहचान बनाई. इसके बाद कैंसर से पूरे जोश के साथ लड़ाई लड़ी. इरफान ने कैंसर को लगभग मात दे दी थी लेकिन कैंसर जब वापस लौटा तो इरफान के जिंदा रहने के जज्बे पर भारी पड़ा. एक्टिंग इरफान खान के खून में थी लेकिन उसे साबित करने लिए दुनिया के सामने उसे पेश करने के लिए जो जज्बा चाहिए वो उनके दिल में था. यही वजह है कि इरफान ने एक्टिंग में फर्श से अर्श तक का सफर तय किया. संघर्ष के दिनों की शुरुआत सीरियल्स के छोटे-छोटे रोल से हुई लेकिन उनकी मंजिल कुछ और थी. 


इरफान में काबिलियत थी और जहां-जहां उनको मौका मिला, उन्होंने खुद को साबित किया और सफलता की सीढ़ी चढ़ते गए. पहले सीरियल्स फिर फिल्मों में उन्होंने अपनी एक्टिंग का सिक्का जमाया. यह इरफान खान का संघर्ष और साधना थी जिसने उन्हें उस मुकाम पर पहुंचा दिया कि बड़े-बड़े अदाकारों की चमक उनकी एक्टिंग के सामने फीकी पड़ने लगी. बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक इरफान ने पहचान बना दी लेकिन अपने काम का पूरी इमानदारी से ख्याल रखने वाले वह अपनी सेहत पर ध्यान देना भूल गए. पता ही नहीं चला क​ब वो इतनी गंभीर बीमारी का शिकार बन गए.  


'मैं आज आपके साथ हूं भी, नहीं भी और हां....मेरा इंतजार करना': इरफान का आखिरी संदेश


इरफान को साल 2018 में न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर यानी एक तरह के कैंसर का पता चला था जिसके बाद वो इलाज के लिए विदेश चले गए. उस वक्त उनकी हालत काफी बिगड़ चुकी थी. किसी को नहीं पता था कि इरफान ये लड़ाई जीतेंगे या नहीं. न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर की बीमारी से लड़ना इतना आसान भी नहीं है. लेकिन जो हार जाए, वो इरफान नहीं. इरफान खान लंदन से इलाज करवाकर लौटे. उसकी वापसी की खबरों से बॉलीवुड की आंखों में चमक आ गई. खराब तबीयत के बीच भी उन्होंने अपनी आखिरी फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' की शूटिंग खत्म की. 


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लेकिन सब कुछ सही नहीं चल रहा था. बीते शनिवार उनकी मां का इंतकाल हो गया. लॉकडाउन की वजह से वो अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए लेकिन ये सदमा उन्हें उदास कर गया. एक दिन पहले ही इरफान खान की तबीयत खराब होने की वजह से उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दुआएं की जाने लगीं लेकिन हर रेस में बाजी मारने वाला रील लाइफ का पान सिंह तोमर ये रेस हार गया और जिस मुंबई ने उसे सब कुछ दिया, उसी जमीन पर इरफान हमेशा हमेशा के लिए सो गए.