मुंबई: सोचिए, अगर आपको किसी दूसरे देश में बिना किसी सपोर्ट सिस्टम के अपनी आजादी की लड़ाई लड़नी पड़े, अपने ही परिवार के सदस्यों से धोखा खाना पड़े और मुकदमे का सामना करना पड़े, तो यह कितना कठिन लगता है. खैर, यह लेखक लाल भाटिया (Lal Bhatia) की पुस्तक 'इंडिक्टिंग गोलियत’ (Indicting Goliath) की वन लाईनर है जो एक ऐसे व्यक्ति की वास्तविक जीवन की कहानी है जिसे अमेरिका में एक वकील के बिना न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ा था जब उसकी पूर्व पत्नी के चाचा ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे.


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यह पुस्तक संयुक्त राज्य अमेरिका के लगभग 21 न्यायालयों में चले व्यापक मुकदमे के आधार पर स्थापित सिद्ध ना किए गए तथ्यों, सबूतों और गवाही पर आधारित है. लेखक लाल भाटिया को यातनाएं दी गईं, पीड़ित किया गया, झूठा दोषी ठहराया गया और जेल में डाल दिया गया. अंत में इस मामले से निकलने और भारत लौटने में भाटिया को 13 साल लग गए.


लाल भाटिया (Lal Bhatia) ने कहा, 'मैंने अपने 13 साल की कैद के दौरान यह किताब लिखी. मैंने हर मिनट का विवरण दिया और अदालतों में जूझते हुए अपने दावे का समर्थन करने के लिए अविवादित तथ्यों और सबूतों को एकत्र किया और इसे किताब से जोड़ा. नोशन प्रेस एकमात्र प्रकाशन कंपनी थी जो इस पुस्तक को प्रकाशित करने के लिए सहमत हो गई क्योंकि यह सिस्टम के अंधेरे पक्ष को उजागर करती किताब है.'


उन्होंने आगे कहा, 'यह एक तेरह साल की यात्रा थी, जो अव्यवस्था के खतरों से गुजर रही थी, जिसने मेरी ईमानदारी और शारीरिक सहनशक्ति का परीक्षण लिया. किसी ने भी यह आकलन नहीं किया कि किसी व्यक्ति को अपराध में फंसाना एक स्कैम हो सकता है.' पुस्तक तीन भाषाओं में जारी की गई है, अंग्रेजी, रूसी और बंगाली.