राजू हिरानी: `हां, `संजू` में जोड़े थे ऐसे सीन ताकि कम हो संजय दत्त के लिए नफरत`
निर्देशक राजू हिरानी और संजय दत्त की दोस्ती काफी पुरानी है और यह दोनों फिल्म `मुन्ना भाई एमबीबीएस` और `लगे रहो मुन्ना भाई` जैसी फिल्मों में साथ नजर आ चुके हैं.
नई दिल्ली: इस साल निर्देशक राजकुमार हिरानी की फिल्म 'संजू' ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया था. संजय दत्त की जिंदगी पर बनी इस फिल्म में रणबीर कपूर ने संजू को हू-ब-हू पर्दे पर उतार दिया था. लेकिन रिलीज के बाद से ही निर्देशक हिरानी पर इस फिल्म में संजय दत्त को उनके सारे कामों के लिए क्लीन चिट देने और उनके लिए साहानुभति पैदा करने की कोशिश करने जैसे अरोप लगाए गए थे. ऐसे में अब खुद निर्देशक हिरानी ने यह खुलासा किया है कि हां, उन्होंने अपनी फिल्म में संजय दत्त को अच्छा दिखाने के लिए कुछ सीन जोड़े थे.
नफरत कम करने लिए जोड़े गए सीन
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार फिल्मकार राजकुमार हिरानी ने खुलासा किया है कि अभिनेता संजय दत्त पर आधारित फिल्म ‘संजू’ में अतिरिक्त हिस्सा जोड़ा गया ताकि लोगों में उनके प्रति फैली ‘नफरत’ की भावना को सहानुभूति में बदला जा सके. हिरानी ने बताया कि शुरूआती एडिटिड फिल्म में अभिनेता की कहानी को जस का तस दिखाया गया था और उसे लोगों ने पसंद नहीं किया था. उन्होंने कहा कि शूटिंग के दौरान उन्हें लगा ‘मैं क्या कर रहा हूं. मैं गलत दिशा में जा रहा हूं.’ वास्तव में जब पहला संपादन तैयार हुआ और हमने लोगों के लिए उसकी स्क्रीनिंग रखी तो उन्होंने पसंद नहीं किया. उन्होंने कहा कि वे इस व्यक्ति को पसंद नहीं करते और वे इसे नहीं देखना चाहते.
'वह हमारा नायक है, सहानुभूति जरूरी है'
निर्देशक राजू हिरानी और संजय दत्त की दोस्ती काफी पुरानी है और यह दोनों फिल्म 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' और 'लगे रहो मुन्ना भाई' जैसी फिल्मों में साथ नजर आ चुके हैं. अपनी फिल्म 'संजू' के बारे में बात करते हुए निर्देशक ने यह भी बताया कि वह चाहते थे कि सच्ची कहानी दिखायी जाये क्योंकि वह उसके (संजय) प्रति किसी तरह की सहानुभूति नहीं पैदा करना चाहते थे. उन्होंने शुरुआत में उसे वैसा ही दिखाया जैसा वह है. लेकिन बाद में उन्हें महसूस हुआ कि वह हमारा नायक है और हमें उसके लिए कुछ सहानुभूति रखने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि अपने मुख्य चरित्र के लिए सहानुभूति बनाने को फिल्म में कुछ हिस्से जोड़े गये जो पहले इसमें नहीं थे. उन्होंने बताया कि अदालत का फैसला आने के बाद खुद की जान लेने की कोशिश करने वाला हिस्सा फिल्म में नहीं था जिसे बाद में फिल्माया गया. यह मूल पटकथा में नहीं था. उनका सोचना है कि इससे कुछ सहानुभूति मिलेगी. उन्होंने कहा कि हर फिल्म एक यात्रा होती है. कुछ चीजों पर काम किया जाता है और कुछ पर नहीं. उन्हें अभी भी इस फिल्म में कमियां दिखाई देती हैं लेकिन आप अपना बेहतर देने की कोशिश करते हैं. बता दें कि इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई की थी.
(इनपुट भाषा से)