नई दिल्ली: बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा सोनाक्षी सिन्हा की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'खानदानी शफाखाना' आज (2 अगस्त) सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. यह एक कॉमेडी बेस्ड, लेकिन गंभीर मुद्दे पर बनी फिल्म है. इस फिल्म का लोगों को बेसब्री से इंतजार था. इस फिल्म में सोनाक्षी एक पंजाबी कुड़ी का रोल प्ले कर रही हैं. इस फिल्म में सोनाक्षी के अलावा बादशाह, वरुण शर्मा, प्रियांश जोरा, अन्नू कपूर, नादिरा जहीर बब्बर और कुलभूषण खरबंदा अहम भूमिकाओं में हैं. निर्देशक के रूप में अपनी पहली फिल्म करने वाली शिल्पी दासगुप्ता ने इस फिल्म में सेक्स क्लिनिक के बहाने सेक्स जैसे टैबू पर 'बात तो करो' टैगलाइन के साथ कॉमिडी परोसनी की भरपूर कोशिश की है और बहुत हद तक वह इसमें सफल भी साबित हुई हैं.


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फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा 'बॉबी बेदी' नाम की एक लड़की के किरदार में हैं. वहीं, बॉबी की मां के किरदार में नादिरा जहीर बब्बर और उसके भाई की भूमिका में वरुण शर्मा नजर आ रहे हैं. वहीं, बॉबी के मामा की भूमिका कुलभूषण खरबंदा अदा कर रहे हैं. फिल्म में बादशाह रियल लाइफ की तरह ही एक रैप स्टार की ही भूमिका में हैं. फिल्म की कहानी छोटे शहर होशियारपुर की रहनेवाली बॉबी बेदी नाम की लड़की की है, जो अपनी जिम्मेदारियों की बोझ के तले दबी हुई है. घर में मां और भाई की जिम्मेदारी बॉबी पर ही है. साथ ही उसकी बहन की शादी के लिए बॉबी के परिवार वालों ने उसके चाचा से एक मोटी रकम उद्धार ली थी, जिसके एवज में चाचा बॉबी के घर को हड़पना चाहता है.



इस सारी परेशानियों के बीच बॉबी के पास एक अच्छी खबर आती है. खबर ये होती है कि उसके मामा अपने पुश्तैनी सेक्स क्लीनिक खानदानी शफाखाना बॉबी के नाम कर जाते हैं, लेकिन इसके लिए एक शर्त भी रख जाते हैं. वह शर्त होता कि बॉबी को 6 महीने तक यह शफाखाना चलाना पड़ेगा. बिना किसी डिग्री के इस शफाखाना को चलाना और एक छोटे शहर की लड़की को सेक्स, शीघ्रपतन, स्तंभन, स्खलन और गुप्त रोग जैसे विषयों पर खुलकर बात करना बॉबी के लिए ये बिलकुल भी आसान नहीं था. इसके बावजूद अपनी परिस्थिति को देखते हुए वह इसके लिए तैयार हो जाती है और खानदानी शफाखाना चलाने लगती है. इस बीच आपको खूब ड्रामा और कॉमेडी देखने को मिलेगा.



फिल्म में सोनाक्षी ने जिस तरह से अपने किरदार के साफ इंसाफ किया है, उससे तो ऐसा लगता है कि यह फिल्म सोनाक्षी को उनकी नई मंदिल तक पहुंचाने में जरूर मदद करेगी. फिल्म सोनाक्षी के अलावा भी सभी कलाकारों ने शानदार अभिनय किया है. फिल्म की संगीत की बात करें 'कोका', 'शहर की लड़की' और 'सांस तो ले ले' जैसे गाने पहले ही इंटरनेट पर सुपरहिट हो चुके हैं, जिन्हें बड़े पर्दे पर देखना भी आपके लिए मजेदार होगा. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि एक गंभीर मुद्दे को कॉमेडी के रूप में पर्दे पर उतारने में शिल्पी दासगुप्ता सफल रही हैं. अब देखना यह होगा कि दर्शकों को सोनाक्षी की यह फिल्म कितनी पसंद आती है.


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