Scam 2003: अनदेखे चेहरे, दिलचस्प कहानी...खास चार वजहों से देख डालें तेलगी के घोटालों की क्राइम स्टोरी
Scam 2003: The Telgi Story- स्कैम 1992 के बाद हंसल मेहता लेकर आए हैं स्कैम 2003- द तेलगी स्टोरी जो आर्थिक अपराध की दुनिया की एक और काला सच बताएगी.
4 Reasons to Watch Scam 2003: बड़े पर्दे पर जहां गदर 2 का शोर मचा है तो हीं ओटीटी की दुनिया में हंसल मेहता अपनी नई वेब सीरीज स्कैम 2003 द तेलगी स्टोरी (Scam 2003 The Telgi Story) को लेकर छाए हुए हैं. स्टांप घोटाले पर बनी ये सीरीज रिलीज हो चुकी है जिसे खूब पसंद किया जा रहा है. क्यों ये सच्ची घटना और रीयल किरदारों पर बनी है. अब्दुल करीम तेलगी (Abdul Kareem Telgi) की लाइफ स्टोरी इस सीरीज में दिखाई गई है.
जो स्कैम 2003 देख चुके हैं वो इसकी भूरी-भूरी प्रशंसा करते नहीं थक रहे लेकिन जिन लोगों ने सीरीज नहीं देखी तो वो इसे तुरंत देख डाले क्योंकि इसके पीछे एक हीं बल्कि 4-4 दिलचस्प वजह है. वो 4 खास बातें जो इस सीरीज को भी सबसे खास बना रही हैं.
आर्थिक अपराध पर बनी सीरीज
किसी भी चीज को दिलचस्प बनाने में सबसे पहली जरूरी चीज है रोचक विषय. आमतौर पर गैंगस्टर, क्राइम, थ्रिलर कन्टेंट पर बनी सीरीज की ओटीटी पर भरमार है लेकिन आर्थिक अपराध पर बनी सीरीज की कमी है. हंसल मेहता को इसमें पारंगत हासिल है. पिछली बार वो स्कैम 1992 लेकर आए तो हल्ला मचा दिया था और अब एक सच्चे घोटाले को लेकर हाजिर हैं.
दिलचस्प कहानी
आर्थिक अपराध में भी हंसल मेहता ने ऐसा विषय चुना है जो काफी दिलचस्प है और जिसे देखने में दर्शक काफी रुचि दिखाएंगे. 2003 में आए इस घोटाले पर खूब शोर मचा था. कर्नाटक के शहर का रहने वाला अब्दुल करीम तेलगी कैसे बड़े होकर नकील स्टांप पेपर के गोरखधंधे में उतरा और देखते ही देखते उसने करोड़ों और अरबों रूपया कमा डाला. जिससे कई बड़े चेहरे भी शामिल थे.
अनदेखे से चेहरे, सच्चे लगते किरदार
यही तीसरा प्वाइट इस सीरीज की यूएसपी है. दरअसल, दिलचस्प कहानी पर्दे पर तब तक नहीं छा सकती जब तक उनकी कास्टिंग सही ना हो. स्कैम 2003 एक फ्रेश कन्टेंट था लिहाजा चेहरे भी कुछ ऑरिजिनल होने लाजिमी थे और हुआ भी वैसा ही. मुकेश छाबड़ा ने ढूंढकर गुमनाम चेहरे निकाले. सीरीज में लीड रोल निभाया है गगन देव रियार जिनका नाम आज से पहले किसी ने नहीं सुना जबकि वो काफी काम कर चुके हैं. इसी तरह हर कैरेक्टर के चुनाव पर काफी ध्यान दिया गया है.
बेहतरीन निर्देशन
डायरेक्टर को कैप्टन ऑफ द शिप कहा जाता है और तुषार हीरानंदानी ने इस शिप को बखूबी चलाया है. जबकि ये उनकी पहली सीरीज है जिसे उन्होंने डायरेक्ट किया है इससे पहले वो कई फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं. एक मजबूत ताने बाने में बंधी ये सीरीज कहीं से भी बिखरी हुई नहीं लगती.