`तुम्हारी आखिरी फिल्म हो सकती है...`, वहीदा रहमान की `ना` सुनकर इतना भड़के डायरेक्टर, गुस्से में कर डाला पैकअप!
Waheeda Rehman Movie: फिल्म सोहलवां साल के एक सीन के लिए एक्ट्रेस वहीदा रहमान ने रिवीलिंग कपड़े पहनने से डायरेक्टर को मना कर दिया था. वहीदा की ना सुनने के बाद डायरेक्टर आग बबूला हो गए और उन्होंने एक्ट्रेस से कहा जिस तरह से तुम्हारी शर्ते हैं यह तुम्हारी आखिरी फिल्म हो सकती है....!
Waheeda Rehman Solva Saal Movie: दिग्गज एक्ट्रेस वहीदा रहमान ने 60-70 के दशक में अपनी अदाकारी के दम पर लाखों दिलों पर राज किया है. वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) अपनी अदाकारी के साथ-साथ पक्के उसूलों के लिए भी इंडस्ट्री में मशहूर थीं. आज हम भी एक्ट्रेस के उसूलों का एक किस्सा आपके सामने लेकर आए हैं, जिसमें वहीदा रहमान, एक फिल्म के डायरेक्टर से रिवीलिंग कपड़े ना पहनने को लेकर भिड़ गई थीं. डायरेक्टर और वहीदा के बीच मामला इतना बिगड़ गया था कि गुस्से में डायरेक्टर ने एक्ट्रेस को कई बातें सुना डाली थीं. जी हां...यह किस्सा खुद वहीदा रहमान ने एक इंटरव्यू में सुनाया था.
वहीदा नहीं पहनना चाहती थीं रिवीलिंग कास्ट्यूम!
एंटरटेनमेंट रिपोर्ट्स की मानें तो वहीदा रहमान (Waheeda Rehman Movies) ने एक इंटरव्यू में फिल्म सोहलवां साल फिल्म के सेट का किस्सा शेयर किया था. वहीदा ने बताया था फिल्म सोहलवां साल के डायरेक्टर राज खोसला एक सीन में उन्हें ऐसा कॉस्ट्यूम पहनाना चाहते थे जिसमें वह कंफर्टेबल नहीं थीं. ऐसे में वहीदा ने साफ जाकर डायरेक्टर राज खोसला को मना कर दिया. लेकिन वहीदा की ना सुनकर डायरेक्टर इतना नाराज हो गए कि उन्होंने कहा कि यह आपकी दूसरी-तीसरी फिल्म है और आपकी इस तरह की शर्तों से यह आखिरी फिल्म भी हो सकती है. वहीदा का कहना था कि डायरेक्टर राज इतना नाराज हो गए थे कि उन्होंने उस दिन के शूट का पैकअप ही कर दिया था.
देव आनंद ने संभाला वहीदा और डायरेक्टर के बीच मामला!
वहीदा ने अपने इंटरव्यू में बताया था, इस इंसीडेंट के बाद देव आनंद (Dev Anand) ने डायरेक्टर और एक्ट्रेस दोनों से बात की और मामले को समझा फिर देव आनंद ने वहीदा की साइड लेते हुए डायरेक्टर को समझाया कि फिल्म में उनका नाम लाजवंती है और वह इस तरह के कॉस्ट्यूम में कंफर्टेबल नहीं हैं तो उन्हें फोर्स नहीं किया जाना चाहिए. डायरेक्टर ने देव आनंद की बात को समझा...वहीदा ने बताया था कि फिल्म सोहलवां साल के उस इंसीडेंट के बाद उनके मन में देव आनंद साहब के लिए इज्जत और बढ़ गई थी.