Interview: सुबह स्कूल, सेट पर ट्यूशन और रात 2 बजे तक शूटिंग, अनुष्का सेन ने खुद के दम पर तय किया कोरिया तक का सफर
Anushka Sen Interview: एक्ट्रेस अनुष्का सेन इन दिनों `दिल दोस्ती डिलेमा` को लेकर चर्चा में हैं. `अस्मारा` के किरदार में उन्हें फैंस का खूब प्यार मिल रहा है. इस बीच `जी न्यूज` के साथ अनुष्का सेन ने खास बातचीत की.जहां उन्होंने अपने आने वाले प्रोजेक्ट्स, फैमिली और कामकाज को लेकर रिएक्ट किया है. पढ़िए अनुष्का सेन का इंटरव्यू.
टीवी, ओटीटी, म्यूजिक एल्बम और अब कोरिया तक का सफर. इंस्टाग्राम पर 39 मिलियन से भी ज्यादा फॉलोअर्स. इतने कि कुछ बॉलीवुड हीरोइनों को भी पीछे छोड़ती हैं. ये अदाकारा कोई और नहीं बल्कि 21 साल की अनुष्का सेन हैं. जो इन दिनों 'दिल दोस्ती डिलेमा' को लेकर चर्चा में हैं. 'अस्मारा' के किरदार में वह फैंस के दिलों में ऐसा उतरी हैं कि इंटरनेट पर लोग इनकी बातें करते थक नहीं रहे. इस बीच 'जी न्यूज' के साथ अनुष्का सेन ने ढेर सारे टॉपिक पर बात की. बतौर चाइल्ड एक्ट्रेस करियर की शुरुआत करने से लेकर के-ड्रामा तक का सफर तय करने पर उन्होंने रिएक्ट किया है. तो चलिए पढ़िए अनुष्का सेन का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू.
- यही राज है कि मुझे बहुत खुशी मिलती है मेरे काम से. मैं हमेशा दिल लगाकर काम करती हूं. जब दिल लगाकर काम करो तो कोई डिलेमा नहीं रहता. मैं हमेशा इस बात का ध्यान रखती हूं कि जो भी करूं दिल से करूं. मुझे एक्टिंग में बहुत मजा आता है और दिल से मैं परफॉर्म करती हूं. यही वजह है कि लोग मुझे इतना प्यार देते हैं.
- 'दिल दोस्ती और डिलेमा' को बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. ज्यादातर 4 स्टार मिल रहे हैं. सोशल मीडिया पर हरेक किरदार के बारे में खूब लिखा जा रहा है. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि लोगों को काफी पसंद आ रहा है ये प्रोजेक्ट. मुझे पर्सनली ये कहानी बहुत पसंद आई है. ये कहानी दिखाती है कि कैसे आपकी जिंदगी में कुछ-कुछ दिक्कत आती हैं लेकिन सही जगह आपका दिल लग जाए तो आप आसानी से डिलेमा से उभर जाते हैं. आज सुबह मैंने देखा एक रिव्यू ये था कि लोगों को ये मेरे करियर का बेस्ट काम लगा है. मैं बहुत ग्रेटफुल हूं.
मैं अपने काम को लेकर बहुत तेज-तर्रार हूं
- जब ऐसा धमाकेदार रिव्यू मिलते हैं तो आप बहुत पॉजिटिव होकर और जुनून से काम करते हैं. मैं अपने काम को लेकर बहुत तेज-तर्रार हूं. काफी सोच समझकर प्रोजेक्ट को पिक करती हूं.मैं हमेशा यही सोचती हूं कि क्या ये मेरे फैंस को ये पसंद आएगा? बस भगवान की कृपा रही है कि मैं अबतक सही काम चुनती आई हूं.
के-ड्रामा डेब्यू पर अनुष्का सेन
- मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे के-ड्रामा में काम करने का मौका मिलेगा. अब इंडिया के ढेरों सेलेब्स दुनिया के अलग-अलग सिनेमा में काम कर रहे हैं. मुझे कोरियन फिल्मों से अट्रैक्शन कोविड के समय हुआ. मुझे वहां का सिनेमा बहुत अच्छा लगा. साउथ कोरियन फिल्में पूरी दुनिया को खूब पसंद आ रही हैं. मुझे कोरियन ड्रामा के लिए अचानक अप्रोच किया गया. मैंने एक दिन मेल देखा जो मुझे कोरिया से आया था. वहां मैंने देखा कि मुझे मेकर्स ने 'एशिया' नाम की फिल्म के लिए अप्रोच किया गया है. ये एक्शन थ्रिलर फिल्म है. मेकर्स पिछले दो साल से मेरे काम को फॉलो कर रहे थे. तब जाकर उन्होंने मुझे प्रोजेक्ट के लिए चुना. ये बहुत खास बात है कि मुझे कोरिया में इंडिया को रिप्रेजेंट करने का मौका मिला. फिलहाल 'एशिया' का पहला शेड्यूल पूरा हो चुका है और दूसरा शेड्यूल इस साल होने वाला है.
कोरिया में न्यू ईयर, शेयर किया किस्सा
- इस साल न्यू ईयर पर मुझे कोरिया में बेहद खास काम करने का मौका मिला. साउथ कोरिया में मैंने एक बेल सेरेमनी में हिस्सा लिया. इस त्योहार में एक एशियंट बेल को बजाना होता है. वहां इस त्योहार की काफी मान्यता है. मगर आजतक किसी विदेशी को वहां इसे हाथ लगाने का मौका नहीं मिला. मगर पहली दफा था जब उन्होंने देश के किसी बाहरी सदस्य को इस त्योहार में हिस्सा लेने का मौका दिया. वो मैं थी, जिसने इस त्योहार को सेलिब्रेट किया और उस पारंपरिक रिंग भी बजाई. ये पल बहुत ही खास रहा था.
फैमिली, काम और दोस्तों को मैनेज कैसे किया?
- जिंदगी में रिश्तों, काम और परिवार को मैनेज करना बहुत जरूरी होता है. मेरे मामले में मेरे पैरेंट्स को इसका श्रेय जाता है. वह पूरा ख्याल रखते हैं कि मैं काम और पर्सनल लाइफ को अच्छे से मैनेज करूं. वह हमेशा मेरी मदद करते हैं. जैसे ही मैं शूट से फ्री होती हूं तो वह मेरे साथ समय बिताते हैं. कोविड के बाद से ही हमारे परिवार ने तय किया था कि हम दुनिया घूमेंगे. अब तक हम 16 देश की जर्नी तय कर चुके हैं. वहीं दूसरी ओर मेरे दोस्त भी बहुत अच्छे हैं. मेरे फ्री होते ही वह तुरंत आते हैं. मूवी का प्लान बनाते हैं और हम आपस में खूब बातचीत करते हैं. कुल मिलाकर मुझे लगता है कि काम के साथ साथ फैमिली और दोस्त के साथ भी बैलेंस बना रहने चाहिए.
दिन रात मेहनत की
- मुझे लगता है कि इस पर फर्क नहीं पड़ता कि कौन बचपन से काम कर रहा है और कौन किस उम्र में इंडस्ट्री में आया है. मेरा तो स्कूल भी सेट रहा है. मैंने प्रैक्टिकली सारे गुण सीखे हैं. वहीं एक चैलेंज ये भी है कि चाइल्ड एक्टर को ये लगता है कि लोग उन्हें बड़े होने पर स्वीकार नहीं करेंगे. मुझे तो लगता है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. फर्क बस रोल, प्रोजेक्ट और काम का पड़ता है. भगवान की दया से मुझे हर रूप में लोगों ने स्वीकार किया है. बेशक मेरे बचपन के निभाए रोल हो या अब.
सुबह स्कूल, सेट पर ट्यूशन और रात 2 बजे तक शूटिंग
मैं बचपन से काम कर रही हूं. मगर मेरे पैरेंट्स ने हमेशा सुनिश्चित किया है कि मैं अपनी पर्सनल लाइफ में कुछ मिस न कर दूं. मैं हमेशा से ही अपने काम को एन्जॉय करती हूं. सेट पर मेरे मॉम, डैड के साथ साथ मेरे ट्यूटर भी होते थे. एक ओर मैं सेट पर शॉट देती थी और फ्री टाइम में पढ़ाई किया करती थी. मैं सुबह स्कूल जाती थी और हाफ डे में लौटती थी. दिन के दो बजे से रात के दो बजे तक मेरा शूट होता था. फिर कुछ घंटे सोकर मैं अगली सुबह स्कूल जाया करती थी. अब इन सब चीजों का बैलेंस मेरी फैमिली की वजह से बन पाया. लेकिन मुझे मेरे काम को करने में इतना मजा आता था कि मुझे थकान नहीं होता था. अगले दिन स्कूल में खूब तारीफ मिली थी.
सोशल मीडिया और अलग-अलग राय
मैं अक्सर देखती हूं कि सोशल मीडिया को लेकर काफी सारी बातें होती है. मुझे लगता है कि इस प्लेटफॉर्म को देखने का नजरिया सबका अलग अलग होता है. अगर इसे बुरे एंगल से देखेंगे तो नेगेटिव लगेगा और पॉजिटिव तरीके से देखेंगे तो आपको ये सपोर्टिव लगेगा. मेरे मामले में तो सोशल मीडिया बहुत ही पॉजिटिव रहा है. मुझे लोगों ने बहुत प्यार दिया है. मेरा यकीन पॉजिटिव चीजों में हैं. मैं बकवास चीजों को तूल नहीं देती. क्योंकि ऐसे लोग तो खुद परेशान और नेगेटिव रहते हैं कि उनका काम दूसरों को भी ऐसे ही परेशान करना होता है.