Panchayat actor Sunita Rajwar: कुछ ऐसी फिल्में, शोज और वेब सीरीज होती हैं जिसमें लीड सितारों के अलावा कैरेक्टर आर्टिस्ट लोगों का ध्यान खींच जाते हैं. जैसे 'गुल्लक' में बिट्टू की मम्मी का किरदार और 'पंचायत' सीरीज में भूषण की वाइफ क्रांति देवी. इन दोनों ही किरदारों ने इन दोनों शोज में जान डाल दी थी. ये किरदार दोनों सीरीज में सुनीता राजवर (Sunita Rajwar) ने निभाया है. लेकिन हाल ही में सुनीता ने कहा कि कैरेस्टर आर्टिस्ट के साथ टीवी शोज में जानवरों की तरह बर्ताव होता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बहुत तकलीफ दायक
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक सुनीता ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में टीवी इंडस्ट्री के इस काले सच को बताया. एक्ट्रेस ने कहा- 'कैरेक्टर आर्टिस्ट के साथ इस तरह का बर्ताव करना आम हो गया है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि उनके पास कोई च्वॉइस नहीं होती है. ये भले ही तकलीफ दायक है लेकिन सच भी है.'


 



खतरों से खेलने वाली ये हैं इस बार की सबसे अमीर कंटेस्टेंट, रोहित शेट्टी की नाक में करेगी दम!


सेट पर होता है भेदभाव 
सुनीता ने आगे कहा- 'लीड एक्टर्स को उनके मन मुताबिक कॉल टाइम सेट पर आने का दे दिया जाता है. लीड एक्टर्स को 30 दिन शूट करना होता है. कई बार तो 24*7 शूट करना होता है. लेकिन जिस तरह का ये भेदभाव करते है वो नीचा दिखाने वाला होता.'


गंदी बेडशीट, गंदे वॉशरूम
राजवर ने आगे बताया कि अगर आपको नहीं पता है कि 'किस आर्टिस्ट को किसके साथ शूट करना तो बेसिकली उसे बाद में बुलाना चाहिए. वहां पर उन्हें बैठाने का क्या मतलब है. ऐसा लगता है कि वो आपको नीचा दिखा रहे हैं. लीड एक्टर्स को पेम्पर करके रखा जाता है. उनके कमरे साफ सुथरे होते हैं. कमरे में फ्रिज, माइक्रोवेब और बाकी सुविधाएं होती हैं. लेकिन मेरे जैसे कैरेक्टर आर्टिस्ट की बात करें तो एक छोटे से कमरे में 3-4 लोगों को बिठा देते हैं. छत की हालत ऐसी होती है कि कभी भी गिर सकती है. वॉथरूम और बेडशीट गंदी होती है. इन सब चीजों को देखकर बुरा फील होता है.'


 



एक ही बात कहकर दोनों बीवियों को पटा ले गए YouTuber Armaan Malik,अब खुली पोल


2 साल तक नहीं किया काम
सुनीता राजवर ने कहा कि 'इन सब चीजों को देखने के बाद मैंने 2 साल तक एक्टिंग से ब्रेक लिया. यहां तक कि सिंटा का कार्ड भी कैंसिल करवा दिया था. जब आप छोटे किरदार प्ले करो तो आपको इज्जत भी ना मिले और अच्छा पेमेंट भी ना मिले. यहां तक कि आपको जानवरों की तरह ट्रीट करें तो ये सब कुछ दिल तोड़ने वाला होता है.'