Arun Govil as Shri Ram: आज भी टीवी की सबसे पॉपुलर और बेहतरीन सीरीज की बात तो हो तो रामानंद सागर की रामायण का नाम सबसे ऊपर आएगा. 1987 में शुरू हुई रामानंद सागर की रामायण को लोगों ने इतना पसंद किया कि जब लॉकडाउन में इसका दोबारा प्रसारण हुआ तो इस फिर से रिकॉर्ड तोड़ टीआरपी मिली. इस शो के प्रति लोग आस्थावान थे और इसके किरदारो को सचमुच का भगवान समझा जाने लगा था. इसके पीछे वजह थी बेहतरीन कास्टिंग. 


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उस वक्त श्रीराम के किरदार में दिखे अरुण गोविल को लोगों ने सचमुच प्रभू श्रीराम ही समझ लिया था. लेकिन क्या आप जानते हें कि उनकी कास्टिंग शो में कैसे हुई जबकि पहले उन्हें रिजेक्ट तक कर दिया गया था. 


 


एक स्माइल ने बना दिया था काम 
हुआ ये था कि अरुण गोविल ने श्री राम के किरदार के लिए ऑडिशन दिया था. लेकिन वो फिट नहीं बैठ रहे थे. अरुण गोविल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर कमी कहां हो रही है. आखिरकार उनका एक बार फिर स्क्रीन टेस्ट हुआ. इस दौरान अरुण गोविल चेहरे पर एक मंद मंद मुस्कान रखी थी. बस उस एक मुस्कान ने उनका काम बना दिया और उन्हें ये रोल मिल गया. 


9 लाख रुपए था एक एपिसोड का बजट
शो पर काफी मेहनत की गई थी. स्क्रीनप्ले, डायलॉग ही नहीं बल्कि सेट, किरदार के कॉस्ट्यूम का भी खास ख्याल रखा गया था. लिहाजा हर एपिसोड का बजट भी जबरदस्त रहता था. उस दौर में एक एपिसोड को बनाने का खर्च था 9 लाख रुपए. हालांकि इस शो को इतनी लोकप्रियता हासिल हुई कि लागत से कई गुना ज्यादा एक एपिसोड से कमाई होने लगी. रिपोर्ट्स की माने तो एक एपिसोड से 40 लाख की कमाई होती था. ये टीवी के इतिहास का सबसे ज्यादा देखे जाने वाला शो बन गया.