Arvind Kejriwal New Delhi Seat: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने उम्मीदवारों की अपनी चौथी और अंतिम सूची रविवार को जारी कर दी. इस लिस्ट में 38 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं. इसके पहले आप ने 11, 20 और एक उम्मीदवारों की तीन सूची में 32 नामों का ऐलान किया था. यानी अरविंद केजरीवाल दिल्ली की सभी 70 सीटों पर सबसे पहले अपने प्रत्याशियों के नाम सार्वजनिक कर दिए हैं.


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आप की चौथी सूची में कुल 38 उम्मीदवारों में से 36 मौजूदा विधायक


आप की चौथी सूची में कुल 38 उम्मीदवारों में से 36 मौजूदा विधायक हैं. आप के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से ही फिर चुनाव मैदान में उतरेंगे. वहीं, सीएम आतिशी कालकाजी सीट से और स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ग्रेटर कैलाश सीट से प्रत्याशी बनाए गए हैं. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद सत्येंद्र जैन फिर से शकूरबस्ती सीट से चुनाव लड़ेंगे. बाबरपुर से गोपाल राय, मालवीय नगर से सोमनाथ भारती, राजिंदर से दुर्गेश पाठक और बल्लीमारान से इमरान हुसैन उम्मीदवार बनाए गए हैं.


कुछ घंटों पहले BJP छोड़कर AAP में आए रमेश पहलवान को टिकट


आम आदमी पार्टी ने कस्तूरबा नगर सीट से मौजूदा विधायक मदन लाल का टिकट काटकर सबको चौंकाते हुए महज कुछ घंटों पहले अपनी पार्षद पत्नी कुसुम लता के साथ भाजपा छोड़कर आप में शामिल होने वाले रमेश पहलवान को टिकट दिया. आप ने नरेश बाल्यान की पत्नी पूजा बाल्यान को भी उत्तम नगर सीट से टिकट दिया है. बाल्यान को इस महीने की शुरुआत में गैंगस्टर कपिल सांगवान से कथित तौर पर संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वहीं, नरेश यादव को फिर से महरौली से टिकट दिया है. यादव को हाल ही में पंजाब की एक अदालत ने कुरान की बेअदबी के मामले में सजा सुनाई है.


10 साल की एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को बेअसर करने की रणनीति


चुनाव आयोग की ओर से दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही आम आदमी पार्टी ने सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारकर सियासी माहौल को गरम कर दिया है. दिल्ली चुनाव में 10 साल की एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को बेअसर करने के लिए आप के 20 मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया है. अरविंद केजरीवाल ने पहले ही साफ कर दिया था कि जिन विधायकों का फीडबैक ठीक नहीं है, उनका टिकट काटा जाएगा. वहीं, मनीष सिसोदिया और राखी बिड़लान सहित चार विधायकों की सीट बदली गई है. तीन विधायकों की जगह उनके घर वालों को टिकट दिया गया है. इसके अलावा, केजरीवाल ने कांग्रेस और भाजपा से आए कई नेताओं को भी मौका दिया है. 


इन मौजूदा विधायकों को AAP ने इस चुनाव में नहीं दिया मौका


कस्तूरबा नगर सीट से मौजूदा विधायक मदन लाल, उत्तम नगर सीट से विधायक नरेश बाल्यान, नरेला सीट से विधायक शरद कुमार, तिमारपुर सीट के विधायक और विधानसभा में चीफ व्हिप दिलीप पांडेय, आदर्श नगर से विधायक पवन शर्मा, मुंडका से आम आदमी पार्टी के सबसे अमीर विधायक धर्मपाल लाकड़ा, चादंनी चौक सीट से प्रह्लाद साहनी, मादीपुर सीट से गिरीश सोनी, जनकपुरी से राजेश ऋषि, बिजवासन से भूपिंदर सिंह जून, पालम की विधायक भावना गौड़, जंगपुरा से प्रवीण कुमार, देवली से दो बार जीत चुके प्रकाश जारवाल, त्रिलोकपुरी सीट से विधायक रोहित कुमार मेहरौलिया, कृष्णा नगर से एसके बग्गा, शाहदरा से विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल, मुस्तफाबाद से हाजी यूनुस, बुराड़ी से ऋतुराज झा, सीलमपुर से अब्दुल रहमान और मटियाला से गुलाब सिंह को मैदान में नहीं उतारा गया है.


अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर बोला हमला, बताया क्या है नारा?


अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर हमला बोल दिया. उन्होंने एक्स पर लिखा, ' आम आदमी पार्टी पूरे आत्मविश्वास और पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़ रही है. भाजपा गायब है. उनके पास ना CM चेहरा है, ना टीम है, ना प्लानिंग है और ना दिल्ली के लिए कोई विज़न है. उनका केवल एक ही नारा है, केवल एक ही नीति है और केवल एक ही मिशन है - “केजरीवाल हटाओ”. उनसे पूछो 5 साल क्या किया, तो वो जवाब देते हैं - “केजरीवाल को खूब गाली दी”.' केजरीवाल दिल्ली में लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार और खासकर अमित शाह को लगातार घेर रहे हैं.


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क्या भाजपा की आजमाई रणनीति पर ही आगे बढ़ रहे हैं केजरीवाल?


हालांकि राजनीतिक जानकारों का कहना है कि केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा के लिए उम्मीदवार तय करने के लिए भाजपा की रणनीति को ही अपनाया है. क्योंकि भाजपा आलाकमान ने कई राज्यों में चुनाव से पहले अपने उम्मीदवारों को बदला था. खासकर, दिल्ली एमसीडी चुनाव में भाजपा ने ज्यादातर नए चेहरे पर भरोसा जताया था. दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप संयोजक केजरीवाल भी भाजपा को ही कड़ी टक्कर में मान रहे हैं. क्योंकि आप ने भी भाजपा की  तरह चुनाव से काफी पहले ही बूथ लेवल पर काम करना शुरू कर दिया था. साथ ही भाजपा की 'चाय पर चर्चा' की तरह केजरीवाल ने 'रेवड़ी पर चर्चा' की शुरुआत की है.


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2013, 2015 और 2020 से कितना बदला और अलग होगा 2025 का चुनाव 


दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म होने वाला है. मौजूदा सदन के पांच साल के कार्यकाल के खत्म होने की तारीख से पहले ही चुनाव आयोग चुनाव की प्रक्रिया पूरी करा लेता है. इसका मतलब है कि जनवरी-फरवरी, 2025 में दिल्ली में चुनाव की गतिविधियां परवान पर होंगी. इससे पहले 2013, 2015 और 2020 के चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने अपनी धारदार चुनावी रणनीतियों के सहारे भाजपा और कांग्रेस दोनों को मात देकर बड़ी कामयाबी हासिल की थी. हालांकि, इस बार आप आलाकमान पर भ्रष्टाचार के मामले और बड़े पैमाने पर नेताओं के दल-बदल कर टिकट लेने से  स्थिति बदली हुई मानी जा रही है.


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