Stock Market Update: एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के डायरेक्टर और सीईओ अजय गर्ग ने कहा कि डेरिवेटिव ट्रेडिंग पर हाल हुई सेबी स्टडी से पता चला है कि वित्त साल 2024 में विदेशी फंड के करीब 97% लाभ और स्वामित्व वाले व्यापारियों के 96% लाभ एल्गो ट्रेडिंग से पैदा हुए थे.
- What is Elgo Trading: मार्केट रेगुलेटर सेबी ने रिटेल इनवेस्टर्स के लिए एल्गो-बेस्ड ट्रेडिंग में हिस्सा लेने की अनुमति देने का प्लान बनाया है. मौजूदा समय में केवल बड़े निवेशकों को कंप्यूटर या एल्गोरिथ्म बेस्ड ट्रेडिंग, जिसे आमतौर पर एल्गो ट्रेडिंग कहा जाता है में हिस्सा लेने की अनुमति होती है. मार्केट के दिग्गजों के अनुसार इससे ट्रेडिंग स्पेस में संस्थागत और गैर-संस्थागत निवेशकों को एक समान मौके मिल सकते हैं. सेबी की तरफ से इन प्रस्तावों पर निवेशकों से अपनी राय मांगी है.
- निवेशकों को एल्गो-बेस्ड ऑर्डर देने की अनुमति होगी
- सेबी ने रिटेल इनवेस्टर्स को एल्गो ट्रेडिंग की अनुमति देने के लिए एक ड्रॉफ्ट सर्कुलर जारी किया है. इसमें ब्रोकर्स के लिए जांच और संतुलन का प्रस्ताव किया गया है. इनके जरिये निवेशकों को एल्गो-बेस्ड ऑर्डर देने की अनुमति होगी. इसने एक्सचेंज स्तर पर एक ऐसा सिस्टम रखने का भी सुझाव दिया जो एक्सचेंज को उन एल्गो ऑर्डर रद्द करने की अनुमति देगा जो नियमों का पालन नहीं करते हैं. एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के डायरेक्टर और सीईओ अजय गर्ग ने कहा कि डेरिवेटिव ट्रेडिंग पर हाल हुई सेबी स्टडी से पता चला है कि वित्त साल 2024 में विदेशी फंड के करीब 97% लाभ और स्वामित्व वाले व्यापारियों के 96% लाभ एल्गो ट्रेडिंग से पैदा हुए थे.
- क्या है एल्गो ट्रेडिंग?
एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) एक स्मार्ट रोबोट है जो शेयर बाजार में निवेशकों के लिए काम करता है और निवेशकों को ज्यादा मुनाफा दिलाने की कोशिश करता है. यह रोबोट असल में एक कंप्यूटर प्रोग्राम होता है. इस प्रोग्राम में कुछ खास नियम होते हैं, जैसे जब शेयर की कीमत इतनी हो जाए तो खरीद लो या जब शेयर की कीमत इतनी कम हो जाए तो बेच दो. ये प्रोग्राम बहुत तेजी से काम करता है और किसी भी शख्स की तुलना में ज्यादा सही फैसले ले सकते हैं. इसलिए इस तरह से ट्रेड करने पर ज्यादा मुनाफे की संभावना रहती है.
- एल्गो ट्रेडिंग कैसे काम करती है?
मान लीजिए आप निवेशक हैं और आप किसी कंपनी के 50 शेयर तब खरीदना चाहते हैं जब उसकी पिछले 50 दिन की औसत कीमत से ज्यादा हो जाए और पिछले 200 दिन की औसत कीमत से भी ज्यादा हो जाए. लेकिन, आप व्यस्त हैं तो आप एक कंप्यूटर प्रोग्राम बना सकते हैं जो हर पल शेयर की कीमत पर नजर रखेगा. जैसे ही कीमत आपकी शर्त के मुताबिक होंगी, यह प्रोग्राम खुद ही ऑर्डर प्लेस कर देगा. इसमें ट्रेडर को शेयर की कीमत और ग्राफ्स को लगातार मॉनीटर करने की जरूरत नहीं होती. न ही मैनुअली ऑर्डर प्लेस करने की जरूरत होती है. एल्गोरिदम ट्रेडिंग सिस्टम ट्रेडिंग के मौके को सही तरीके से पहचान कर ऑटोमेटिक ऑर्डर प्लेस कर देता है.
- क्या होगा फायदा?
एल्गो ट्रेडिंग के जरिये ऑर्डर तेजी से प्लेस होंगे और मार्केट में लिक्विडिटी भी बढ़ेगी. अगर सेबी का यह प्रस्ताव लागू किया जाता है तो इससे उन निवेशकों को फायदा होगा जो पूरी सेफ्टी के साथ एल्गो का यूज करके ट्रेड करना चाहते हैं. इस पर सेबी का कहना है कि एल्गो ट्रेडिंग का बदलते स्वरूप के बीच छोटे निवेशकों के बीच इसकी मांग बढ़ रही है. इनका मकसद यह कि छोटे निवेशक सही तरीके से एल्गो ट्रेडिंग में हिस्सा ले सकें.