Arvind Kejriwal On Freebies: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले 11 उम्मीदवारों के नाम की पहली लिस्ट जारी करने के एक दिन बाद अरविंद केजरीवाल ने दूसरा बड़ा कदम बढ़ा दिया. उन्होंने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (AAP) का चुनावी कार्यक्रम ‘रेवड़ी पर चर्चा’ लॉन्च करने के बाद मुफ्त की योजनाओं पर भारतीय जनता पार्ची (BJP) को ललकारते हुए बड़ी बहस छेड़ दी.
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BJP Vs AAP Freebies Controversy: अगले साल की शुरुआत में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ही अरविंद केजरीवाल ने अपनी रणनीतियों को अमली जामा पहनाना तेज कर दिया है. आम आदमी पार्टी (AAP) ने गुरुवार को दिल्ली चुनाव के लिए अपने 11 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की और शुक्रवार को ‘रेवड़ी पर चर्चा’ कार्यक्रम लॉन्च कर दिया. लॉन्चिंग के बाद अरविंद केजरीवाल ने छह रेवड़ियों का जिक्र करने के अलावा भाजपा पर बड़ा हमला बोला.
मुफ्त की रेवड़ी नहीं जनता के ही पैसे से उसको दी जाने वाली सुविधाएं
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के नेता जिन्हें मुफ्त की रेवड़ी बताकर उन पर निशाना साधते हैं वह जनता की सुविधाएं हैं, जो जनता के पैसे से ही दी जाती हैं. केजरीवाल ने दावा किया कि भाजपा शासित 20 राज्यों में से किसी में भी 24 घंटे बिजली नहीं रहती. गुजरात में 30 साल से शासन के बावजूद भाजपा वहां 24 घंटे बिजली नहीं दे पाई है. वहीं, पूरे देश में दिल्ली और पंजाब दो ही ऐसे राज्य हैं, जहां आम आदमी पार्टी की सरकार है और वहां बिजली फ्री है.
केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की किन छह रेवड़ियों का किया जिक्र?
‘रेवड़ी पर चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान केजरीवाल ने दिल्ली में फ्री बिजली, नो पावर कट के साथ ही कहा कि फ्री की रेवड़ी केवल आम आदमी पार्टी की सरकार दे सकती है. इस दौरान केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की छह रेवड़ियों पहली रेवड़ी- फ्री बिजली, नो पावर कट, दूसरी रेवड़ी- 20 हजार लीटर पानी मुफ्त, तीसरी रेवड़ी- मुफ्त और शानदार शिक्षा, चौथी रेवड़ी- शानदार मोहल्ला क्लीनिक, पांचवीं रेवड़ी- महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा और छठी रेवड़ी- बुजुर्गों की फ्री तीर्थ यात्रा का जिक्र किया.
मुफ्त की रेवड़ियों के आरोपों का केजरीवाल ने दिया सियासी जवाब
कार्यक्रम के दौरान केजरीवाल ने अपने भाषण में कल्याणकारी नीतियों के लिए आप के दृष्टिकोण को समझाने और मुफ्त सेवाएं प्रदान करने की विपक्ष की आलोचना का जमकर जवाब दिया. उन्होंने 25 नवंबर से दिल्ली भर में 65,000 'रेवड़ी पर चर्चा' (मुफ्त सुविधाओं पर चर्चा) बैठकें करने की घोषणा की. उन्होंने लोगों को चेताया कि भाजपा जनता की इन सुविधाओं को खत्म कर देगी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा है कि 'रेवड़ी कल्चर' को खत्म कर देना चाहिए.
जनता का पैसा, जनता की रेवड़ी.. तो उस पर हक़ भी जनता का ही है। आम आदमी पार्टी आज से पूरी दिल्ली में जनता के साथ “रेवड़ी पर चर्चा” शुरू कर रही है। https://t.co/06P101gVMi
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 22, 2024
दिल्ली-पंजाब में AAP की मुफ्त रेवड़ियों के मुकाबले BJP कहां है?
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगियों द्वारा शासित 20 राज्यों में से किसी में भी ऐसी कोई मुफ्त की योजना नहीं है. हालांकि, उनकी यह दलील पूरी तरह राजनीतिक है, क्योंकि केंद्र सरकार समेत भाजपा और एनडीए शासित राज्यों में भी जनता की सुविधा के नाम पर ऐसी कई मुफ्त योजनाएं हैं. वहीं, कई राज्यों में चुनाव के दौरान भाजपा को ऐसी रेवड़ियों का वादा करने के बाद आलोचना भी झेलना पड़ा था. आइए, जानते हैं कि दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की फ्री-बीज या मुफ्त की रेवड़ियों के मुकाबले में भाजपा और एनडीए शासित राज्य सरकार कहां खड़ी है.
मुफ्त कोविड वैक्सीन के बाद देश की बड़ी आबादी को मुफ्त अनाज
आम आदमी पार्टी की छह बड़ी रेवड़ियों के बारे में तो जान ही लिया. अब भाजपा-एनडीए शासित राज्यों की ऐसी योजनाओं को देखते हैं. चुनावी सरगर्मियों के बाच देश के गरीब तबके के उत्थान और लंबे समय से चले आ रहे गरीबी जैसे सामाजिक मुद्दों को खत्म करने के वादे के साथ सभी राज्यों में ऐसी योजनाएं जारी हैं. केंद्र की मोदी सरकार ने कोविड महामारी के समय मुफ्त वैक्सीन के बाद देश की 80 करोड़ से ज्यादा बड़ी आबादी के लिए मुफ्त अनाज की योजना को कई बार आगे बढ़ाया है.
भाजपा शासित राज्यों में अलग-अलग सामाजिक समूहों के बहाने रेवड़ी
केंद्र की ओर से किसानों के खाते में सम्मान निधि के नाम पर महीने के हिसाब से 6000 रुपए की रकम दी जाती है. इसके अलावा, फिलहाल महिला, बुजुर्ग, अल्पसंख्यक, पिछड़े-दलित जैसे सामाजिक समूहों के लिए 29 से ज्यादा ऐसी केंद्रीय योजनाएं हैं. वहीं, भाजपा शासित राज्यों में छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, बिहार, गोवा में ऐसी कई योजनाएं उपहार, सब्सिडी, कर्ज माफी या बिना भुगतान के सामान, स्वास्थ्य समेत कई सेवाएं या लाभ दे जाने की प्रथा की तरह चल रही है.
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चुनाव आयोग के निर्देशों के बावजूद मुफ्त सामान या सेवाओं का वादा
राजनीतिक विमर्श के संदर्भ में, यह अक्सर राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव के दौरान लोकप्रियता और वोट हासिल करने के लिए चुनाव आयोग के निर्देशों के बावजूद मुफ्त सामान या सेवाओं का वादा करने से जुड़ा होता है. हालांकि, चुनाव जीतने के बाद कई सरकारें इन मुफ्त की रेवड़ियों के ज्यादातर वादों पर अमल नहीं करती. फिर भी भाजपा शासित राज्यों पर एक नजर डालें तो मध्य प्रदेश में लोकप्रिय लाडली बहन योजना के तहत महिलाओं को 12,000 रुपये प्रति माह मिलते हैं. उत्तराखंड में भाजपा सरकार पहले से ही 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली दे रही है.
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मौजूदा राजनीति में मुफ्त रेवड़ियों को कोई नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता
महाराष्ट्र में सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने लाड़ली बहन योजना का अनुकरण करने के साथ ही छात्रों के लिए लड़का भाऊ योजना शुरू कर एक कदम आगे बढ़ गई. बिहार में लंबे समय से स्कूली बच्चों के नाम पर उनके परिवारों को सहयोग के बहाने उपकृत किया जाता है. हालांकि मुफ्त रेवड़ियों की राजनीति के अपने फायदे और नुकसान हैं, लेकिन मौजूदा चुनावी परिदृश्य में कोई भी राजनीतिक दल इसे नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता.
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