China Philippines: आखिर फिलीपींस से बार-बार क्यों भिड़ रहा `ड्रैगन`? 3 हफ्ते में दूसरी बार कर दी ऐसी नापाक हरकत
China Philippines Conflict in South China Sea: दुनिया में दबंगई दिखा रहा चीन आखिरकार अपने से आकार और धन-बल के मामले में छोटे फिलीपींस से क्यों भिड़ रहा है? चीन पर 3 हफ्ते में दूसरी बार फिलीपींस के जहाजों पर अटैक का आरोप लगा है.
Philippines Allegation on China: अपनी आर्थिक और सैन्य ताकत के बल पर पड़ोसी देशों को दबाने की कोशिश कर रहे चीन की नई करतूत सामने आई है. फिलीपींस ने आरोप लगाया है कि दक्षिण चीन सागर में तैनात चीनी तट रक्षकों ने उसकी फिलिपिनो नौकाओं पर खतरनाक तरीके से वाटर कैनन का अटैक किया. इस घटना से उसके जहाज के साथ बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. पिछले 3 सप्ताह में चीन और फिलीपींस (China Philippines) के जहाजों के बीच टकराव की यह दूसरी घटना है. इससे पहले भी स्प्रैटली द्वीप समूह में चीन ने फिलीपींस के शिप के साथ इसी तरह की हरकत की थी. इस घटना के लेकर दोनों देशों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं.
वाटर कैनन से किया अटैक
फिलीपींस (Philippines) ने शुक्रवार को कहा कि चीनी (China) तट रक्षकों और अन्य मिलिशिया जहाजों ने सप्लाई लेकर जा रहे फिलीपींस के जहाजों के रास्ते में अवैध रुप से रुकावट डाली. इसके लिए उसने ऐसे तरीके अपनाए, जिससे उसके जहाज को नुकसान हो सकता था. फिलीपींस नेशनल टास्क फोर्स ने आरोप लगाया कि चीनी तटरक्षकों पर वाटर कैनन से हमला भी किया. फिलीपींस के मुताबिक इस घटना पर बीजिंग में फिलीपीन दूतावास ने चीनी विदेश मंत्रालय के सामने विरोध भी दर्ज करवाया है.
चीन ने खेला विक्टिम कार्ड
वहीं चीन ने इस घटना को दूसरा ही रूप देकर पेश किया है. चीन ने कहा कि फिलीपींस (Philippines) के 3 ट्रांसपोर्ट शिप और 3 कोस्ट गार्ड शिप अवैध तरीके से चीनी जल क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहे थे. उन्हें रोकने के लिए चीनी तटरक्षकों ने आवश्यक बल प्रयोग का इस्तेमाल किया. चीन तट रक्षक बल के प्रवक्ता गन यू ने आरोप लगाया कि फिलीपींस की कार्रवाई चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन है. गन यू ने फिलीपींस से अपने उल्लंघनकारी कार्यों को तुरंत रोकने की अपील भी की.
आखिर फिलीपींस से क्यों भिड़ रहा ड्रैगन?
चीन और फिलीपींस (China Philippines) के बीच दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में लंबे समय से समुद्री विवाद चला आ रहा है. चीन इस सागर और उसमें पड़ने वाले सभी द्वीपों पर अपना अधिकार जताता है. इसमें स्प्रैटली द्वीप समूह भी शामिल है. फिलीपीन नौसेना ने लगातार समुद्र पर कब्जा बढ़ाते जा रहे चीन को रोकने के लिए वर्ष 1999 में इस द्वीप समूह के पास रीफ एरिया में अपना एक पुराना शिप पानी में ही छोड़ दिया था. बीआरपी सिएरा माद्रे नाम के उस शिप पर फिलीपीन नौसेना के जवान तैनात रहते हैं, जिनके लिए नियमित रूप से भोजन-पानी भेजा जाता है. वे सैनिक अपने अस्तित्व के लिए पूरी तरह इस सप्लाई पर ही निर्भर रहते हैं.
जहाजों का रास्ता कर देते हैं ब्लॉक
जब भी फिलीपींस (Philippines) इस जहाज पर तैनात अपने नौसैनिकों के लिए सप्लाई भेजने की कोशिश करता है तो चीनी तटरक्षकों और उसके समर्थन से चल रहे चीनी मिलिशिया जहाज न उसे रोकने की कोशिश करते हैं. वे फिलीपींस के जहाजों को चारों ओर से घेर लेते हैं और उन्हें आगे बढ़ने का रास्ता नहीं देते. इसके बावजूद अगर फिलीपींस के जहाज आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं तो वे उन पर वाटर कैनन से हमला बोल देते हैं.
ये है चीन की असल मंशा
चीन की कोशिश है कि फिलीपींस (Philippines) बीआरपी सिएरा माद्रे पर तैनात अपने नौसैनिकों को वापस बुला ले. अगर फिलीपींस ऐसा करता है तो बिना लड़े ही दक्षिण चीन सागर (South China Sea) से उसका दावा खत्म हो जाएगा, जिसे वह हर्गिज छोड़ना नहीं चाहता. वहीं चीन (China) अपना दबदबा बनाने के लिए दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीपों का निर्माण कर उन पर अपने आधुनिक हथियार तैनात कर रहा है, जिससे युद्ध की स्थिति में तुरंत दुश्मनों पर प्रहार किया जा सके. वर्ष 2016 में इंटरनेशनल कोर्ट ने चीन की इन हरकतों की निंदा करते हुए दक्षिण चीन सागर पर उसके दावे को अवैध ठहराया था, जिसे चीन ने मानने से साफ इनकार कर दिया.