Indian Test Team : भारतीय क्रिकेट टीम का साउथ अफ्रीका की मेजबानी में टेस्ट सीरीज जीतने का सपना पूरा नहीं हो पाया. ये सपना बीते 31 साल से टीम इंडिया देख रही थी. सेंचुरियन में खेले गए सीरीज के पहले टेस्ट मैच में भारत को साउथ अफ्रीका ने पारी और 32 रनों से हराया. भारत की बल्लेबाजी तो फ्लॉप रही ही, गेंदबाजों ने भी काफी निराश किया. इसकी एक बड़ी वजह रही कि साउथ अफ्रीका के बॉलर्स के सामने तो भारतीय धराशायी हो गए लेकिन भारत की तरफ से ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला. इससे एक बात और निकलकर आई कि रेड-बॉल फॉर्मेट में अभी तक भारत के पास कोई फ्यूचर-प्लान तैयार नहीं हो सका है. 


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भारत को महसूस हुई शमी की कमी


सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट के दूसरे और तीसरे दिन जब डीन एल्गर, डेविड बेडिंगम और मार्को यानसेन भारतीय गेंदबाजों को पीट रहे थे, तो फैंस काफी निराश हुए. शार्दुल ठाकुर और डेब्यू करने वाले प्रसिद्ध कृष्णा की तो खूब धुनाई हुई. इससे शमी की ज्यादा कमी महसूस हुई. भारतीय गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने कुछ हफ्ते पहले साफ कहा था कि कोई भी कोच मोहम्मद शमी जैसी काबिलियत रखने वाला पेसर तैयार करने का श्रेय नहीं ले सकता.


प्रसिद्ध को फिर मिलेगा मौका?


इसे देखकर कहा जा सकता है कि कुछ समय के लिए प्रसिद्ध कृष्णा का ये पहला और अंतिम टेस्ट रहेगा जिससे अगले टेस्ट में रवींद्र जडेजा और आवेश खान को उनकी और शार्दुल की जगह प्लेइंग-11 में रखा जाएगा. इससे भारतीय खेल प्रेमियों को भी पता चल गया कि रेड-बॉल फॉर्मेट के लिए गेंदबाजों की दूसरी खेप अभी तक पूरी तरह तैयार नहीं है. इससे जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, ईशांत शर्मा और उमेश यादव के दबदबे वाले दिन खत्म हो सकते हैं.


ये 3 दिग्गज तो अंतिम पड़ाव पर


ईशांत और उमेश का टेस्ट करियर तो अनधिकृत रूप से खत्म हो गया है. इतना ही नहीं, शमी भी अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं. ये सच है कि शमी के बिना बुमराह अधूरे हैं और बुमराह के बिना शमी भी पूरे नहीं कहे जा सकते. इतना जरूर है कि जब ये दोनों गेंदबाज भारत की प्लेइंग-11 में होते हैं तो विरोधी बल्लेबाज परेशान रहते हैं.


शमी ने लिए थे दर्द के इंजेक्शन


मोहम्मद सिराज भारतीय गेंदबाजी के इस त्रिकोण का तीसरा कोण कहे जाते हैं. शमी की चोट से वाकिफ बंगाल टीम में उनके पूर्व साथी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘शमी को बाईं एड़ी की पुरानी समस्या है. काफी लोग नहीं जानते कि वनडे वर्ल्ड कप के दौरान उन्होंने नियमित रूप से इंजेक्शन लिए थे और वह दर्द के साथ ही पूरे टूर्नामेंट में खेले लेकिन आपको समझना चाहिए कि जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, हर हल्की या बड़ी चोट से उबरने में ज्यादा समय लगता है.’


आवेश को बुलाना है इशारा


प्रसिद्ध कृष्णा के लचर प्रदर्शन ने भारतीय खेमे में खतरे की घंटी बजा दी है. रोहित शर्मा ने बेंगलुरू के इस गेंदबाज का समर्थन तो किया, जैसा कोई भी कप्तान सार्वजनिक रूप से करेगा, लेकिन भारत-ए के लिए पांच विकेट झटकने के बाद आवेश खान को जिस तरह से टीम मैनेजमेंट ने बुलाया, उससे साफ संकेत मिलता है कि घबराहट बनी हुई है. भारत के एक पूर्व पेसर ने पीटीआई से कहा, ‘बेचारे प्रसिद्ध, वह टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार ही नहीं है. उनमें दूसरे और तीसरे स्पेल में गेंदबाजी करने का कौशल ही नहीं है. टीम मैनेजमेंट उन्हें साउथ अफ्रीका ले तो गए लेकिन ये भूल गए कि प्रसिद्ध कृष्णा ने रणजी ट्रॉफी का पूरा सीजन अंतिम दफा कब खेला था? महज एक भारत-ए मैच काफी नहीं होता.’


आवेश से बदलेगी कहानी?


इस पूर्व गेंदबाज ने ये भी कहा कि आवेश खान को शामिल करने से भी ज्यादा अंतर पैदा नहीं होगा, जब तक कि उसे लंबे समय तक नहीं खिलाया जाता. इस गेंदबाज ने कहा, ‘भारत की तेज गेंदबाजों की अगली पीढ़ी के साथ समस्या यही है कि उनमें बुमराह, शमी, ईशांत और सिराज जैसा उत्साह और आत्मविश्वास नहीं है. आवेश भी प्रसिद्ध जैसे ही पेसर हैं लेकिन वह नियमित रूप से रेड-बॉल क्रिकेट खेलते हैं. इसलिए वह बेहतर लेंथ पर गेंदबाजी कर सकते हैं. नवदीप सैनी 6 साल से अब भी भारत ए के लिए खेल रहे हैं. इससे ही कहानी बयां हो जाती है.' (PTI से इनपुट)